मुक्त व्यापार समझौते से देश के वाहन उद्योग को फायदा नहीं: सियाम

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सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स ने इस तरह के समझौतों में हाइब्रिड, बैटरी से चलने वाली कारों और तिपहिया वाहनों को बाहर रखने का सुझाव दिया है। उसने कहा कि भारत जिस तरह विभिन्न देशों एवं देशों के संगठनों के साथ एफटीए को लेकर बातचीत कर रहा है, उससे वह बहुत चिंतित है।

नयी दिल्ली। वाहन कंपनियों के संगठन सियाम ने कहा कि प्रतिस्पर्धी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते से देश के वाहन उद्योग को फायदा नहीं होने वाला है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स ने इस तरह के समझौतों में हाइब्रिड, बैटरी से चलने वाली कारों और तिपहिया वाहनों को बाहर रखने का सुझाव दिया है। उसने कहा कि भारत जिस तरह विभिन्न देशों एवं देशों के संगठनों के साथ एफटीए को लेकर बातचीत कर रहा है, उससे वह बहुत चिंतित है। 

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सियाम ने खासकर यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता को लेकर बातचीत पर चिंता जतायी है, जो पूरी तरह से निर्मित उत्पादों के आयात को समझौते में शामिल करने की मांग कर रहा है। वाहन संगठन की ओर से जारी श्वेत पत्र में कहा गया कि सियाम लगातार यह कहते रहा है कि प्रतिस्पर्धी देशों के साथ एफटीए से भारतीय वाहन उद्योग को कोई लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि यह स्थानीय रोजगार एवं अन्य संदर्भों में मेक इन इंडिया के विचार के अनुरूप नहीं है। उसने कहा कि इसलिए पूरी तरह से निर्मित वाहन इकाइयों एवं इंजनों को भारत-ईयू एफटीए, क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते से बाहर रखा जाना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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