वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर इस साल 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान : IMF

IMF
प्रतिरूप फोटो
Creative Common

आईएमएफ ने इस साल के लिए वैश्विक वृद्धि दर के जनवरी में जताये गये 3.1 प्रतिशत के अनुमान को बढ़ाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही आईएमएफ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है, बिना आर्थिक नुकसान के महंगाई पर काबू पाये जाने के साथ उत्पादन बना रहेगा।

वाशिंगटन । अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने इस साल के लिए वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 3.2 प्रतिशत कर दिया है। उसने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है, बिना आर्थिक नुकसान के महंगाई पर काबू पाये जाने के साथ उत्पादन बना रहेगा। मुद्राकोष ने ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य में इस साल वैश्विक वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। यह जनवरी में जताये गये 3.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। वृद्धि दर का यह स्तर 2023 के बराबर है। 

विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, 2025 में भी वृद्धि दर 3.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। अगर ऐसा होता है तो यह लगातार तीसरा साल होगा जब वृद्धि दर इस स्तर पर होगी। मुद्राकोष ने ताजा आकलन में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में अप्रत्याशित रूप से मजबूत वृद्धि से गति मिल रही है। आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहेगी, जो जनवरी में जताये गये अनुमान 2.1 प्रतिशत से ज्यादा है। यह 2023 में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि से भी अधिक है। 

हालांकि, दुनियाभर में कीमतों में तेज वृद्धि एक बाधा बनी हुई है। मुद्राकोष का अनुमान है कि वैश्विक मुद्रास्फीति पिछले साल के 6.8 प्रतिशत से घटकर 2024 में 5.9 प्रतिशत और अगले साल 4.5 प्रतिशत हो जाएगी। दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति इस साल घटकर 2.6 प्रतिशत और 2025 में दो प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2023 में 4.6 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति में कमी का कारण उच्च ब्याज दर का असर है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ जापान, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने मुद्रास्फीति को घटाकर दो प्रतिशत के आसपास लाने के लिए नीतिगत दर में तेजी से बढ़ोतरी की है। 

मुद्राकोष ने आगाह किया है कि उच्च ब्याज दर के प्रतिकूल प्रभाव और गाजा में युद्ध सहित वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनावों से आर्थिक वृद्धि बाधित हो सकती है। वैश्विक स्तर पर जारी तनाव से व्यापार बाधित होने और ऊर्जा और अन्य सामानों की कीमतें बढ़ने का जोखिम है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की वृद्धि दर 2024 में 4.6 प्रतिशत और अगले वर्ष 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि 2023 में इसकी वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत थी। वहीं दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान की वृद्धि दर 2024 में 0.9 प्रतिशत रहने की संभावना है जो बीते वर्ष 1.9 प्रतिशत थी। यूरो क्षेत्र की वृद्धि दर इस साल 0.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2023 की वृद्धि दर से दोगुनी है। ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि दर 2024 में 0.5 प्रतिशत और अगले साल 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 में 0.1 प्रतिशत थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़