Jio के आने से जो लोग बेरोजगार हुए उनको नौकरी दिलाने में मदद करेगी सरकार
दूरसंचार क्षेत्र में नौकरियों के नुकसान से चिंतित सरकार ने प्रभावित कर्मचारियों को वैकल्पिक रोजगार दिलाने में मदद करना शुरू कर दिया है। इसके तहत पुनर्प्रशिक्षित करके उन्हें वैकल्पिक रोजगार देने की व्यवस्था की जा रही है।
मुंबई। दूरसंचार क्षेत्र में नौकरियों के नुकसान से चिंतित सरकार ने प्रभावित कर्मचारियों को वैकल्पिक रोजगार दिलाने में मदद करना शुरू कर दिया है। इसके तहत पुनर्प्रशिक्षित करके उन्हें वैकल्पिक रोजगार देने की व्यवस्था की जा रही है। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यह बात कही। रिलायंस जियो के बाजार में उतरने के बाद से दूरसंचार क्षेत्र में संकट गहरा गया है। अनुमान है कि दूरसंचार क्षेत्र में 90,000 से अधिक नौकरियां चली गई हैं।
दूरसंचार सचिव सुंदरराजन ने गुरुवार रात एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ''सरकार तीन स्तरों पर प्रयास कर रही है। सबसे पहले हम निचले स्तर पर काम करने वालों का भविष्य सुनिश्चित करेंगे ताकि उनका जीवन निरंतर चलता रहे, ऐसे लोग आमतौर पर खुदरा केंद्रों में काम करते हैं।" उन्होंने कहा कि हमारा पहला फोकस दूरसंचार क्षेत्र में स्थिरता लाना है और यह काम नई दूरसंचार नीति के माध्यम से किया जा रहा है। हम सार्वजनिक वाई-फाई और भारतनेट जैसे रोजगार के नए अवसरों को खोलने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी कोशिश निचले स्तर पर काम करने वाले लोगों को नए अवसर प्रदान करने की है।
निकाले गए कर्मचारियों के रोजगार की व्यवस्था के लिए सरकार दूरसंचार क्षेत्र कौशल परिषद के साथ मिलकर काम कर रही है, जो कि उन्हें नए रोजगार ढूंढने में मदद करेगी। 5जी प्रौद्योगिकी पर उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चयनित पैनल अगले महीने अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें 5जी तकनीकी पेश किए जाने की रूपरेखा होगी। सुंदरराजन ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 5जी प्रौद्योगिकी के मामले में भारत एक लंबी छलांग लगाएगा और खुद अपनी क्षमताओं को विकसित करेगा। हम आंख बंद करके अनुसरण नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ प्रौद्योगिकी यहां विकसित की जा रही है।
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