नदी किनारों के विकास पर 50,000 करोड़ खर्च करेगी सरकार

वाराणसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि भारत 20,000 किलोमीटर लंबे (शहरों को छूते) नदी किनारों तथा 7500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट के विकास की तैयारी में है और इस पर 50,000 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया जाएगा। गडकरी ने आज यहां मारुति सुजुकी की कारों व अन्य निर्माण सामग्री से लदे दो पोतों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन दो पोतों में 1400 टन क्षमता का एमवी जाय बासुदेव व 300 टन क्षमता का एमवी वीवी गिरि शामिल है।
इनमें क्रमश: मारुति सुजुकी की असेंबल्ड कारें व निर्माण सामग्री लदी हैं। इन्हें वाराणसी के अघोरेश्वर भगवान राम घाट से रवाना किया गया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा, ‘जलमार्ग उत्तर प्रदेश के विकास का इंजिन साबित होंगे। हम 20,000 किलोमीटर नदी किनारों तथा 7500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट का 50,000 करोड़ रुपये के निवेश से विकास करेंगे।’ राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का विकास जल मार्ग विकास परियोजना के जरिए किया जा रहा है। यह परियोजना विश्व बैंक की मदद से लागू की जा रही है। इस पर 4200 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे वाराणसी से हल्दिया तक गंगा के जरिए भारी पोतों की आवाजाही सुनिश्चित होगी। गडकरी ने कहा कि जलमार्गों के जरिए कारों के परिवहन से पश्चिम बंगाल में इनकी लागत 5000 रुपये तक कम होगी। मंत्री ने कहा कि जलमार्गों के प्रोत्साहन से केवल उत्तर प्रदेश में ही 4 से पांच लाख रोजगार पैदा होंगे।
गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार खाली बातों में ही विश्वास नहीं करती बल्कि जो कहती है उसे वास्तविकता में बदलती है। गंगा को परिवहन योग्य बनाने की मौजूदा परियोजना इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि संसद ने देश भर की 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने संबंधी एक महत्वपूर्ण विधेयक इसी साल पारित किया है। अब तक केवल पांच नदी खंडों को ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। सरकार इस दिशा में त्वरित काम के लिए प्रतिबद्ध है।
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