सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कमजोर बैंकों में डालेगी पूंजी

Central Bank of India
आरबीआई के अनुसार, पिछले साल शून्य-कूपन बांड के माध्यम से किए गए निवेश का शुद्ध वर्तमान मूल्य अंकित मूल्य से काफी कम है, क्योंकि उन्हें छूट पर जारी किया गया था। ये विशेष प्रतिभूतियां 10-15 वर्ष की अवधि वाली हैं, और ब्याज रहित हैं।

नयी दिल्ली, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे कमजोर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को सरकार से प्रस्तावित पूंजी सहायता का बड़ा हिस्सा मिलेगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पीएसबी में पूंजी डालने के लिए 15,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इससे सरकारी बैंकों को नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि 15,000 करोड़ रुपये की पूंजी सहायता का ज्यादातर हिस्सा उन बैंकों को मिलेगा, जिन्हें पिछले साल गैर-ब्याज वाले बांड के जरिये पैसा मिला था।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने इन उपकरणों के उचित मूल्यांकन पर कुछ चिंताएं जताई थीं। सूत्रों ने कहा कि आरबीआई के अनुसार, पिछले साल शून्य-कूपन बांड के माध्यम से किए गए निवेश का शुद्ध वर्तमान मूल्य अंकित मूल्य से काफी कम है, क्योंकि उन्हें छूट पर जारी किया गया था। ये विशेष प्रतिभूतियां 10-15 वर्ष की अवधि वाली हैं, और ब्याज रहित हैं। इस महीने की शुरुआत में पंजाब एंड सिंध बैंक के बोर्ड ने सरकार को तरजीही शेयर जारी करके 4,600 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाने की मंजूरी दी थी। सूत्रों ने कहा कि इसी तरह अन्य बैंक पूंजी जुटाने के बारे में मार्च में फैसला करेंगे।

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