सरकार की paddy खरीद चालू वर्ष में 700 लाख टन के पार

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सरकार का लक्ष्य खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 765.43 लाख टन धान की खरीद का है। पिछले खरीफ विपणन सत्र में वास्तविक खरीद, रिकॉर्ड 749 लाख टन की हुई थी।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू वर्ष 2022-23 के खरीफ विपणन सत्र में अब तक सरकार की धान की खरीद 700 लाख टन के आंकड़े को पार कर गई है। सरकार का लक्ष्य खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 765.43 लाख टन धान की खरीद का है। पिछले खरीफ विपणन सत्र में वास्तविक खरीद, रिकॉर्ड 749 लाख टन की हुई थी। धान की खरीद, सरकारी स्वामित्व वाली -भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और निजी एजेंसियों- दोनों करती हैं।

धान सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाता है और कई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, ‘‘20 फरवरी तक 702 लाख टन से अधिक की खरीद के साथ धान की खरीद सुचारू रूप से चल रही है।’’ खरीद कार्यों से 96 लाख से अधिक किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। कुल 1,45,845 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया है।

खरीदे गये धान के मुकाबले, अब तक 218 लाख टन चावल, केन्द्रीय खाद्यान्न स्टॉक में है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय पूल में मौजूदा समय में पर्याप्त चावल का स्टॉक उपलब्ध है।’’ इस वर्ष की रबी फसल से अनुमानित धान खरीद को आगामी एक मार्च को होने वाली खाद्य सचिवों की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।

इसने कहा कि रबी धान की फसल को शामिल करने के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि पूरे खरीफ विपणन सत्र 2022-23 के दौरान लगभग 900 लाख टन धान की खरीद की जा सकती है। धान खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाया जाता है। लेकिन देश के कुल धान उत्पादन का 80 प्रतिशत, खरीफ सत्र से आता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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