नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सैद्धांतिक मंजूरी, 2022 तक शुरू होगा

दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जेवर में प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके 2022 तक चालू हो जाने की संभावना है।
लखनऊ। दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) के जेवर में प्रस्तावित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को केंद्र सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। इसके 2022 तक चालू हो जाने की संभावना है। चार चरणों में इस पर लगभग 15,754 करोड़ रुपये निवेश किया जाएगा। एकदम नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड परियोजना) किए जाने वाले इस हवाई अड्डे के संबंध में राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेजा था, जिसे सोमवार को दिल्ली में संचालन समिति की बैठक में औपचारिक रूप से सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई।
इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सचिव नागर विमानन एस.पी. गोयल और यमुना एक्सप्रेस वे के चेयरमैन डॉ. प्रभात कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) एस.के. भाटिया शामिल हुए। नागर विमानन विभाग के निदेशक एवं विशेष सचिव सूर्यपाल गंगवार ने इस संबंध में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर केंद्रीय नागर विमानन मंत्री तथा राज्य मंत्री से मुलाकात कर इस परियोजना पर अप्रैल 2017 से ही कार्य प्रारंभ कर दिया गया था, और अब इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।
उन्होंने कहा कि छह जुलाई 2017 को केंद्र सरकार की संचालन समिति (स्टीयरिंग कमेटी) ने इस परियोजना के लिए निर्माण स्थल को मंजूरी दी थी। उल्लेखनीय है कि इस हवाई अड्डे का एक मकसद दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बोझ कम करना और आकस्मिक समय में उसके विकल्प के तौर पर उपयोग करना भी है। गंगवार ने कहा कि परियोजना रपट के अनुसार इसके लिए कुल आठ गांव की 1,441 हेक्टेअर भूमि की खरीद या अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है। इस पर कुल चार चरणों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर लगभग 15,754 करोड़ रुपए का निवेश किया जाना संभावित है। हवाई अड्डे पर शुरूआती चरण में दो रनवे बनाए जाएंगे और इस पर 2022 तक संचालन शुरू हो जाने की संभावना है। इस हवाई अड्डे की संभावित यात्री क्षमता सात करोड़ यात्री प्रति वर्ष और मालवहन की संभावित क्षमता 30 लाख टन प्रतिवर्ष है।
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