स्वर्ण बांड में निवेश की सीमा बढ़ाकर चार किलोग्राम प्रति वित्तवर्ष की

Govt hikes investment limit for gold bond scheme
[email protected] । Jul 27 2017 11:16AM

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) में सालाना निवेश की व्यक्तिगत सीमा बढ़ाकर चार किलोग्राम प्रति व्यक्ति कर दिया है। अभी यह सीमा 500 ग्राम थी।

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बांड (एसजीबी) में सालाना निवेश की व्यक्तिगत सीमा बढ़ाकर चार किलोग्राम प्रति व्यक्ति कर दिया है। अभी यह सीमा 500 ग्राम थी। इसके अलावा अन्य नियमों को भी उदार किया गया है जिससे इस योजना को खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बनाया जा सके। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह सीमा वित्त वर्ष के आधार पर होगी। इसमें बाजार में सूचीबद्ध ऐसे बांडों की खरीद को भी शामिल किया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि प्रति वित्त वर्ष में लोगों के लिए निवेश की सीमा को 4 किलोग्राम किया गया है। हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए भी यह सीमा 4 किलोग्राम होगी जबकि ट्रस्टों और सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित इसी तरह की इकाइयों के लिए यह सीमा 20 किलोग्राम की होगी। निवेश की इस सीमा में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के पास गिरवी रखे बांड शामिल नहीं होंगे। इसमें कहा गया है कि एसजीबी ‘एक टैप’ यानी मांग पर उपलब्ध कराया जाएगा।

वित्त मंत्रालय नेशनल स्टाक एक्सचेंज, बंबई शेयर बाजार और डाक विभाग के साथ विचार विमर्श करके इस सुविधा के तौर तरीके को अंतिम रूप देगी। बयान में कहा गया है कि एसजीबी की तरलता और व्यापारोन्मुखता में सुधार के लिए उचित बाजार पहल बनाई जाएंगी। बयान में कहा गया है कि योजना में कुछ विशेष बदलाव किए गए हैं जिससे इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सके, इसके माध्यम से लक्ष्य के अनुसार वित्त जुटाया जा सके और सोने के आयात की वजह से बने आर्थिक दबाव को कम किया जा सके और चालू खाते के घाटे (कैड) में कमी की जा सके। इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय को एसजीबी के अलग अलग संस्करण तय करके पेश करने का अधिकार दिया गया। इनमें अलग अलग वर्ग के निवेशकों के लिए अलग अलग ब्याज दरें और जोखिम संरक्षण के प्रावधान होंगे।इस तरह के लचीलेपन से निवेश के निवेश के नए नए उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा के तत्वों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकेगा। सरकार ने एसजीबी योजना 5 नवंबर, 2015 को अधिसूचित की थी। इसके लिए पहले मंत्रिमंडल की मंजूरी ली गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य हाजिर सोने के विकल्प के रूप में वित्तीय परिसंपत्ति का विकास करना है।

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