सरकार वायदा, विकल्प अनुबंधों पर प्रतिभूति लेनदेन कर बढ़ाएगी

Govt to raise securities
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लोकसभा में शुक्रवार को पारित वित्त विधेयक, 2023 में विकल्प अनुबंधों पर एसटीटी 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत करने और वायदा अनुबंधों में 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

सरकार ने वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) अनुबंधों में प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने का प्रस्ताव किया। इससे वायदा एवं विकल्प बाजार में कारोबार लागत बढ़ाने के साथ-साथ अत्यधिक व्यापार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। लोकसभा में शुक्रवार को पारित वित्त विधेयक, 2023 में विकल्प अनुबंधों पर एसटीटी 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत करने और वायदा अनुबंधों में 0.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0125 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

विश्लेषकों का मत है कि उच्च एसटीटी सरकार के राजस्व को कुछ हद तक बढ़ाएगा और अत्यधिक व्यापार को भी हतोत्साहित करेगा क्योंकि बड़ी संख्या में खुदरा व्यापारी इस खंड में पैसा खो रहे हैं। लोकसभा में 64 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक पारित होने के बाद वित्त मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि विकल्प खंड में एसटीटी को लेकर संशोधनों में मुद्रण संबंधी त्रुटि हो गई थी।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “एसटीटी के मामले में प्रस्तावित दर 0.05 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.0625 प्रतिशत कर दी जाएगी। मुद्रण संबंधी एक त्रुति हो गई है, जिसे ठीक किया जा रहा है।” नांगिया एंडरसन एलएलपी में साझेदार सुनील गिडवानी ने कहा कि एसटीटी में वृद्धि से बाजार में दीर्घकालिक रूप से प्रभाव पड़ेगा। बयान के अनुसार, सुधार भारत सरकार की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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