इंदौर नगर निगम के हरित बॉन्ड NSE में सूचीबद्ध

Green Bonds
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत और स्मार्ट सिटी मिशन के साथ शहरों को अपनी क्रेडिट रेटिंग कराना अनिवार्य किया था, जो म्यूनिस्पिल बॉन्ड जारी करने की दिशा में पहला कदम था।

सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए सार्वजनिक निर्गम के तौर पर इंदौर नगर निगम (आईएमसी) द्वारा जारी किए हरित बॉन्ड मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध किए गये। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में हरित बॉन्ड एनएसई में मंगलवार को सूचीबद्ध हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत और स्मार्ट सिटी मिशन के साथ शहरों को अपनी क्रेडिट रेटिंग कराना अनिवार्य किया था, जो म्यूनिस्पिल बॉन्ड जारी करने की दिशा में पहला कदम था। उन्होंने कहा कि इंदौर देश का ऐसा पहला नगर है जिसने एनएसई में अपने बॉन्ड को 2018 में सूचीबद्ध कराया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस साल पांच और महानगरों में यह लक्ष्य हासिल करना है। प्रदेश के बेहतर वित्तीय प्रबंधन, प्रशासनिक दक्षता और विकास के प्रति प्रतिबद्धता से हम रूपरेखा निर्धारित कर अगले 8-10 माह में यह उपलब्धि प्राप्त करेंगे। बॉन्ड से राशि प्राप्त होगी तो शहरों के विकास में तेजी आएगी।’’ चौहान ने कहा कि इंदौर लीक से हटकर सोचता है और काम करता है।

उन्होंने कहा कि इंदौर ने सीएनजी बसों और इलेक्ट्रिक बसों को सिटी बस सेवा में शामिल किया है। इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 126 चार्जिंग स्टेशन तैयार करने और सिटी बसों के संचालन के लिए शहर के गीले कचरे के निपटान और उससे उत्पन्न बायो सीएनजी के उपयोग के लिए संयंत्र स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर ने इन नवाचारों के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को कम करके लगभग चार लाख कार्बन क्रेडिट अर्जित किए।

उन्होंने कहा कि इसने वैश्विक बाजार में कार्बन क्रेडिट का व्यापार कर नौ करोड़ रुपये की आय अर्जित की है। अधिकारियों ने कहा कि हरित बॉन्ड से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए किया जाएगा, जो इंदौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर पड़ोसी खरगोन जिले के जलूद गांव में नर्मदा नदी से पानी लाने के लिए बिजली पैदा करेगा। आईएमसी को नर्मदा के पानी को जलूद से इंदौर लाने के लिए हर घर में पानी पहुंचाने के लिए हर साल लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं और यह सौर ऊर्जा संयंत्र इस राशि को काफी कम कर देगा।

अधिकारियों के अनुसार, आईएमसी ने 60 मेगावॉट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कुल 244 करोड़ रुपये जुटाने के लिए हरित बॉन्ड जारी किया था, जो कि पूंजी बाजार में देश में किसी भी निकाय द्वारा पेश किया गया अपनी तरह का पहला बॉन्ड है। आईएमसी ग्रीन बॉन्ड ने निवेशकों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया प्राप्त की थी और लगभग 720.75 करोड़ रुपये के आवेदन प्राप्त हुए थे। यह रकम निर्गम के कुल आकार 122 करोड़ रुपये का छह गुना बैठती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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