एचएएल के कुछ कर्मचारियों पर 13.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज

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[email protected] । Jan 30 2019 4:24PM

अधिकारियों ने बताया कि यह कथित धोखाधड़ी 2013 में 13.11 लाख रुपये से शुरू हुई और 2017 के दौरान बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच गई। इस दौरान फर्जी बिलों के जरिए कंपनी से 7.78 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।

नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के ओडिशा स्थित कोरापुट कारखाने के इंजन विभाग के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ पांच मुकदमें दर्ज किए हैं। कर्मचारियों पर एचएएल को 13.28 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। आरोप है कि एचएएल के वरिष्ठ प्रबंधक (वित्त) भावेन मित्रा ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में जालसाजी कर गलत तरीके से रकम निकाली है। ऐसा करके 2013-17 के दौरान कंपनी में 13.28 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। उल्लेखनीय है कि एयरोस्पेस क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल नकदी संकट से जूझ रही है।

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अधिकारियों ने बताया कि यह कथित धोखाधड़ी 2013 में 13.11 लाख रुपये से शुरू हुई और 2017 के दौरान बढ़कर नई ऊंचाई पर पहुंच गई। इस दौरान फर्जी बिलों के जरिए कंपनी से 7.78 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। सीबीआई ने मित्रा और एचएएल, कोरापुट के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मंगलवार को पांच प्राथमिकी दर्ज की। पिछले साल अक्टूबर में भी सीबीआई ने फर्जी बिल, ठेके और चालान जमा करके जनवरी-अगस्त 2018 के दौरान पांच करोड़ रुपये के कथित गबन में मित्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

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एजेंसी ने छापेमारी की कार्रवाई भी की थी, जिसमें पता चला कि सरकारी कंपनी में लंबे समय से कथित धोखाधड़ी का खेल चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि एचएएल के सतर्कता विभाग ने मंगलवार को 2013-17 तक की गई धोखाधड़ी को लेकर पांच शिकायतें सीबीआई को भेजी थी। शिकायत के आधार पर एजेंसी ने मित्रा, अन्य कर्मचारियों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ घोटाले के आरोप में नये मामले दर्ज किये हैं। 

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