IARI ने पूसा परिसर में तालाब बनाया

IARI
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मौजूदा समय में, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के पास केवल अनुसंधान कार्यों के लिए लगभग 1,200 एकड़ कृषि भूमि है। आईएआरआई ने अमृत सरोवर योजना के तहत एक तालाब खोदा है। इस योजना के तहत देश के हर जिले में 75 तालाबों का निर्माण किया जाना है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर में 2.5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला वर्षा जल संचयन तालाब बनाया गया है। इसमें अनुसंधान संस्थान की कृषि भूमि की कुल जल आवश्यकता के 60 प्रतिशत हिस्से को पूरा करने की क्षमता है। मौजूदा समय में, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के पास केवल अनुसंधान कार्यों के लिए लगभग 1,200 एकड़ कृषि भूमि है। आईएआरआई ने अमृत सरोवर योजना के तहत एक तालाब खोदा है। इस योजना के तहत देश के हर जिले में 75 तालाबों का निर्माण किया जाना है।

आईएआरआई के निदेशक ए के सिंह ने कहा, ‘‘पूसा परिसर में, हमारे पास 1,200 एकड़ का अपना क्षेत्र है। पहले बारिश का पानी नजफगढ़ नाले में बहता था। अब, हमने 2.5 एकड़ के क्षेत्र में पूसा अमृत सरोवर बनाया है।’’ उन्होंने कहा कि तालाब की जल धारण क्षमता 50,000 घन मीटर है और यह तीन सिंचाई के साथ 300 एकड़ कृषि भूमि की पानी की आवश्यकता को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह अनुसंधान कार्यक्रम के लिए एक बड़ी मदद होगी। तालाब साफ बारिश के पानी का संचय करेगा और चूंकि यह आईएआरआई के अपने खेतों से आ रहा है, इसमें फसलों द्वारा उपयोग नहीं किए जाने वाले बहुत सारे पोषक तत्व होंगे।

उन्होंने कहा कि उस पानी का फिर से सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी पानी की आवश्यकता का 60 प्रतिशत हिस्से को पूरा करेगा। यह जल स्तर की कमी को रोकने और बोरवेल के उपयोग को कम करने में भी मदद करने वाला है, जिसका उपयोग पहले आईएआरआई कर रहा था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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