बैंकिंग प्रणाली को स्वच्छ बनाने में सफल रहा IBC: राजीव कुमार
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वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि कर्ज में फंसी भूषण स्टील का टाटा स्टील द्वारा अधिग्रहण किया जाना दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की सफलता दिखाता है।
नयी दिल्ली। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि कर्ज में फंसी भूषण स्टील का टाटा स्टील द्वारा अधिग्रहण किया जाना दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की सफलता दिखाता है। कुमार ने कहा कि इस कानून से देश की बैंकिंग प्रणाली को साफ करने और उनका मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी। कुमार ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून के तहत भूषण स्टील को टाटा स्टील द्वारा खरीदे जाने से बैंकों को 36,400 करोड़ रुपये वापस मिले हैं। बैंकों को इससे फायदा होगा। यह ऋण संस्कृति में शांत लेकिन उल्लेखनीय बदलाव का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि यह अधिग्रहण अगंभीर कारोबारियों को या तो तरीका बदलने या कारोबार बेचने का स्पष्ट संकेत देता है। उन्होंने कहा कि यह कारोबार बेचने का एक ऐसा तरीका उपलब्ध करा संस्कृति को नैतिकता को बदल रहा है जो संकटग्रस्त संपत्तियों को भी अपेक्षाकृत अधिक कीमत पर बिकना सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि अब ऐसे भी मामले देखने को मिल रहे हैं जिनमें कर्जदार खुद आगे आ रहे हैं और दिवाला एवं शोधन अक्षमता कानून के बाहर ही समाशोधन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि टाटा स्टील की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बामनीपाल स्टील लिमिटेड ने दिवाला कानून के तहत समाधान की कार्रवाई में भूषण स्टील लिमिटेड की 72.65 प्रतिशत हिस्सेदारी का 36,400 करोड़ रुपये में अधिग्रहण पूरा कर लिया है। टाटा स्टील लिमिटेड ने कर्ज में फंसी भूषण स्टील लिमिटेड के लिए नीलामी में सफल बोली लगायी थी। भूषण स्टील कर्ज में डूबी उन 12 कंपनियों में है जिनके मामले रिजर्व बैंक ने दिवाला शोधन प्रक्रिया के तहत निपटाने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) को भेजे थे।
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