ऋण शोधन अक्षमता संहिता से सुधरा है व्यापार का माहौल: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस संहिता के जरिये वैसे लोगों के लिये काम करना आसान हुआ है जो इस आशंका से नहीं आते कि अगर वे विफल हुए तो उस स्थिति से बाहर कैसे निकल पायेंगे।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के अस्तित्व में आने के बाद देश में व्यापार माहौल सुधरा है। इससे संकट में फंसे उद्यमियों के लिये कारोबार से बाहर निकलने का रास्ता आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आईबीसी के जरिये वास्तविक बदलाव आया है। हम ऐसी जगह पहुंच गये हें जहां हम कारोबार सुगमता के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिये खड़े हो सकते हैं...। उन्होंने कहा कि इस संहिता के जरिये वैसे लोगों के लिये काम करना आसान हुआ है जो इस आशंका से नहीं आते कि अगर वे विफल हुए तो उस स्थिति से बाहर कैसे निकल पायेंगे।
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वित्त मंत्री ने कहा कि आईबीसी ने ऐसे पेशेवर तैयार किये हैं जो प्रतिकूल परिस्थितियों में कंपनियों के उद्यमियों के लिये बाहर निकलने में मदद कर सकते हैं। ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड की तीसरी वर्षंगांठ के मौके पर उन्होंने कहा कि बैंक अब राहत की सांस ले रहे हैं क्योंकि उनके कर्ज की वसूली के लिये पूरी व्यवस्था है। कई ऐसे मामले में हैं जिनका दिवाला प्रक्रिया में जाने से पहले समाधान हो रहा है। इसी कार्यक्रम में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आईबीसी ने कर्ज देने और लेने वालों के बीच रिश्तों में बुनियादी बदलाव लाया है।
Smt @nsitharaman addresses the audience at the Third Annual Day of Insolvency and Bankruptcy Board of India. Shri Tushar Mehta, Solicitor General of India delivered the Annual Day Lecture. pic.twitter.com/uL9BDuzLCg
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) October 1, 2019
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