IMF की दो टूक: भारत को उच्च विकास के लिए सभी क्षेत्रों में तुरंत सुधार की जरूरत

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Ankit Jaiswal । Oct 17 2025 11:12PM

आईएमएफ ने भारत को आर्थिक विकास बनाए रखने और व्यापार बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में सुधारों को महत्वपूर्ण बताया है। कृष्णा श्रीनिवासन के अनुसार, घरेलू मांग, निवेश और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकरण पर ध्यान देना होगा, क्योंकि कड़े नियम निजी क्षेत्र की क्षमता में बाधा डालते हैं।

भारत को आर्थिक विकास को बनाए रखने और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सभी क्षेत्रों में समग्र प्रयास करने होंगे। बता दें कि यह बात अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एशिया और पैसिफिक विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने कही हैं। उन्होंने कहा कि भारत को घरेलू मांग, सुधार, निवेश, नवाचार और वैश्विक व्यापार में एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि लंबी अवधि में विकास के लक्ष्य पूरे हो सकें हैं।

मौजूदा जानकारी के अनुसार, श्रीनिवासन ने कहा कि भारत के हालिया सुधार, जैसे GST, घरेलू उपभोग को बढ़ावा दे रहे हैं और इससे घरेलू मांग में सुधार हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि भारत 2047 तक उच्च विकास दर हासिल करना चाहता है, तो इसे केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।

गौरतलब है कि उन्होंने भारत में व्यापार के माहौल में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कई नियम और विनियम निजी क्षेत्र की पूरी क्षमता को लागू करने में बाधा डालते हैं। श्रीनिवासन ने यह भी कहा कि भारत का आर्थिक प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है, और इस वर्ष 6% से 6.6% तक वृद्धि दर दर्ज की जाएगी, जबकि अगले वर्ष यह 6.2% तक धीमी हो सकती है, जिसका कारण उच्चतर शुल्क और वैश्विक परिस्थितियां हैं।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत को घरेलू आत्मनिर्भरता और वैश्विक व्यापार के बीच किसी एक का चयन नहीं करना चाहिए। “मेरे विचार में, यह दोनों एक साथ होने चाहिए ताकि 8% या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल की जा सके और विकासशील भारत का लक्ष्य पूरा हो सके,” उन्होंने कहा।

श्रीनिवासन ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियाँ उम्मीद से बेहतर बनी हुई हैं और क्षेत्र 2025 में 4.5% और 2026 में 4.1% की वृद्धि दर दर्ज कर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्यात, तकनीकी उछाल और अनुकूल मौद्रिक नीतियाँ इस क्षेत्र को वैश्विक झटकों से बचाने में मदद कर रही हैं।

मौजूदा जानकारी के अनुसार, IMF का मानना है कि व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार स्थायी और समावेशी विकास सुनिश्चित कर सकते हैं। गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना, सेवा और डिजिटल व्यापार को शामिल करने वाले आधुनिक व्यापार समझौतों का विस्तार और FDI प्रतिबंधों में ढील देने से लंबे समय तक विकास को ताकत मिलेगा हैं।

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