भारत, जापान रिश्तों का महत्वपूर्ण आयाम है ‘आर्थिक संबंध’’

भारत और जापान ने अपने संबंधों को और गहरा बनाने के लिये लोगों के बीच सम्पर्क, सांस्कृतिक आदान प्रदान, सामरिक क्षेत्र में सहयोग को बल देने के साथ कारोबार एवं आर्थिक संबंधों को खास तवज्जो दिया है।
नयी दिल्ली। भारत और जापान ने अपने संबंधों को और गहरा बनाने के लिये लोगों के बीच सम्पर्क, सांस्कृतिक आदान प्रदान, सामरिक क्षेत्र में सहयोग को बल देने के साथ कारोबार एवं आर्थिक संबंधों को खास तवज्जो दिया है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आर्थिक एवं कारोबारी रिश्तों का प्रमुख स्थान है और इसका उदाहरण हरियाणा के गुरूग्राम में 1982 में मारूति सुजुकी का गठजोड़ से शुरू होकर अब अहमदाबाद से मुम्बई के बीच चलने वाली भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना तक जाता है जिसका शिलान्यास हो चुका है।
उन्होंने कहा कि निवेश, आधारभूत ढांचा विकास, परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग समेत द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, वैकि स्तर जापान के साथ संबंधों काफी घनिष्ठ हुए हैं और जापान भारत के आर्थिक विकास और सुनहरे भविष्य में सहभागी बना है। साल 2015..16 में भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय कारोबार 14.51 अरब डालर रहा है। जापान ने साल 2016-17 में भारत में 4.7 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, जो पिछले साल की तुलना में 80 फीसदी ज्यादा है। जापान से भारत को मशीनरी, परिवहन उपकरण, लौह इस्पात, इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद, आर्गेनिक रसायन, मशीन उपकरणों आदि का निर्यात होता है। भारत से जापान को पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, गैर धातु खनिज, मतस्य, कपड़े एवं परिधान, लौह इस्पात उत्पाद आदि का निर्यात किया जाता है।
भारत और जापान के रिश्तों में आर्थिक पहलू काफी महत्वपूर्ण है और इसका उदाहरण कुछ ही दिन पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अहमदाबाद से मुम्बई के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखना है। इसकी लागत 1.10 लाख करोड़ है, जिसमें 88 हजार करोड़ का कर्ज जापान देगा। इस कर्ज का ब्याज 0.1 फीसदी होगा, जिसे 50 साल में चुकाना होगा। इंडिया पोस्ट और जापान पोस्ट के बीच 'कूल बॉक्स सर्विस' शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके जरिए भारत में रह रहे जापानी लोग अपने देश से पसंदीदा भोजन मंगा सकेंगे।
देश में जापानी रेस्तरां खोलने का भी प्रस्ताव किया गया है ।दोनों देशों के बीच विज्ञान और तकनीक, अनुसंधान समेत करीब 15 क्षेत्रों में अहम समझौते हुए जिसमें नागर विमानन, कारोबार, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल समेत विभिन्न क्षेत्रों शामिल हैं। जापान, भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक बना।
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