भारत-कोरिया व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए रणनीतिक समूह गठित
![India-Korea strategic group to increase trade and investment India-Korea strategic group to increase trade and investment](https://images.prabhasakshi.com/2017/9/_650x_2017092416283136.jpg)
दक्षिण कोरिया के साथ वृहद आर्थिक सहयोग के मद्देनजर दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त समिति गठित की गयी है, ताकि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की पहचान की जा सके।
नयी दिल्ली। दक्षिण कोरिया के साथ वृहद आर्थिक सहयोग के मद्देनजर दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त समिति गठित की गयी है, ताकि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की पहचान की जा सके। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इसकी जानकारी दी। वह अभी एशिया-यूरोप आर्थिक मंत्रियों की बैठक में भाग लेने दक्षिण कोरिया गये हुए हैं। उन्होंने भारत-कोरिया विस्तृत आर्थिक भागीदारी अनुबंध की तीसरी मंत्रिस्तरीय समीक्षा में भी भाग लिया।
उन्होंने कई ट्वीट कर बताया कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक भागीदारी मजबूत करने की काफी संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बातचीत को अधिक उद्देश्यपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय व्यापार के लिए मात्रात्मक लक्ष्य तय करने होंगे। मैं दक्षिण कोरिया के पूरे कारोबारी प्रतिनिधिमंडल को भारत आमंत्रित करता हूं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब तक दोनों देशों के कारोबार आपस में भागीदार नहीं बनते हैं, किसी द्विपक्षीय अनुबंध का पूरा लाभ नहीं निकलेगा। आइये हम दूरगामी प्रौद्योगिकी पर आधारित भागीदारी बनाते हैं।’’
प्रभु ने कहा कि अगले 7-10 साल में भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और यह दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ संबंधों के दम पर होगा। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2016-17 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 16.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 16.57 अरब डॉलर था।
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