भारत में आभासी अर्थव्यवस्था जीडीपी का 23.2 % : जेटली

सरकार ने विश्व बैंक के जुलाई 2010 के अनुमान का जिक्र करते हुए आज कहा कि इसमें 2007 में भारत में आभासी (शैडो) अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 23.2 प्रतिशत बताया गया है। लोकसभा में रेखा वर्मा और पंकज चौधरी के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो से प्राप्त सूचना के अनुसार 2013 में जाली भारतीय नोटों की संख्या 8,46,966 थी जिनका कुल मूल्य 42,90,25,555 रूपये था। इसी प्रकार से 2014 में कुल जाली नोटों की संख्या 8,01,528 थी जिनका कुल मूल्य, 40,58,02,845 रूपये था जबकि 2015 में जाली नोटों की संख्या 8,86,058 थी जिनका कुल मूल्य 43,83,43,664 रूपये था। 30 सितंबर 2016 तक सभी वर्ग मूल्यों के कुल जाली नोटों की संख्या 5,74,176 थी जिनका कुल मूल्य 27,79,39,965 रूपये था।
जेटली ने कहा कि जाली या नकली भारतीय करेंसी नोट के इस्तेमाल में विभिन्न प्रकार की विध्वंसक गतिविधियां हो रही हैं जैसे जासूसी, हथियारों, नशीली दवाओं एवं अन्य वर्जित पदार्थो की तस्करी। यह समानान्तर आभासी (शैडो) अर्थव्यवस्था का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा, ''विश्व बैंक ने जुलाई 2010 में भारत की आभासी अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान सकल घरेलू उत्पाद का 23.2 प्रतिशत लगाया है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि समानान्तर आभासी (शैडो) अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था के आधारों का क्षय करती है तथा उन्हें समाप्त कर देती है। इससे महंगाई बढ़ती है तथा सरकार अपने वैध राजस्व से वंचित रह जाती है।
जेटली ने कहा कि देश में जाली नोटों के परिचालन के खतरे को रोकने की दृष्टि से राज्यों, केंद्र की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचना या जानकारी साझा करने के लिए गृह मंत्रालय में एक विशेष जाली भारतीय मुद्रा नोट समन्वय समूह का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी वित्तपोषण तथा जाली भारतीय करेंसी नोट से संबंधित गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) के अंतर्गत एक आतंकवादी वित्तपोषण तथा जाली करेंसी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के घटनाक्रम में जाली भारतीय करेंसी नोटों के जरिये आतंकवादी वित्त पोषण को नियंत्रित करने के लिए तथा कालेधन को समाप्त करने के लिए सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किये गए 500 रूपये और 1000 रूपये के उच्च मूल्यवर्ग के बैंक नोटों के वैध मुद्रा स्वरूप को निरस्त करने का निर्णय किया है। जेटली ने कहा कि इसके अतिरिक्त जालसाजों से बचने के लिए बैंक नोटों में नई सुरक्षा विशेषताओं एवं नई डिजाइन शामिल करना एक सतत प्रक्रिया है। इस प्रयोजन के लिए 500 रूपये तथा 2000 रूपये के नए बैंक नोट, नए डिजाइन हाल ही में जारी किए गए हैं।
अन्य न्यूज़