सरकार ने अबतक 37,852 करोड़ रुपये के एमएसपी पर 187.86 लाख टन गेहूं खरीदा

Wheat Purchase
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बयान में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय पूल के तहत धान की खरीद, खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2021-22 में विभिन्न खरीद राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रही है।’’

नयी दिल्ली|  खाद्यान्न की खरीद और वितरण करने की प्रमुख एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अबतक 37,852.88 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 187.86 लाख टन गेहूं खरीदा है।

अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो गई है। एक सरकारी बयान में सोमवार को कहा गया, ‘‘रबी विपणन सत्र 2022-23 में केंद्रीय पूल के तहत गेहूं की खरीद सुचारू रूप से चल रही है। 26 जून तक 187.86 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है, जिससे लगभग 17.85 लाख किसानों को एमएसपी मूल्य 37,852.88 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।’’

रबी विपणन सत्र (आरएमएस) अप्रैल से मार्च तक चलता है, जबकि खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। गेहूं उत्पादन में गिरावट और निर्यात में वृद्धि के कारण मौजूदा 2022-23 आरएमएस के लिए गेहूं खरीद लक्ष्य को संशोधित कर 195 लाख टन कर दिया गया है, जो पहले 444 लाख टन था।

बयान में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय पूल के तहत धान की खरीद, खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2021-22 में विभिन्न खरीद राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सुचारू रूप से चल रही है।’’ देश में 26 जून तक 860.82 लाख टन धान (खरीफ फसल 755.60 लाख टन और रबी फसल 105.22 लाख टन सहित) की खरीद की गई है, जिससे 125.36 लाख किसानों को 1,68,720.89 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य का लाभ हुआ है।

जहां गेहूं की खेती केवल रबी (सर्दियों में बोया गया) मौसम में की जाती है, वहीं धान की खेती खरीफ (गर्मी-बोई गई) और रबी दोनों सीजन में होती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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