5G के अवसर को नहीं छोड़ सकता हिन्दुस्तान: मनोज सिन्हा

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[email protected] । Feb 12 2019 7:30PM

संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने पिछले पांच साल में देश में डाटा उपभोग, ब्रॉडबैंड प्रयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी तथा निचले शुल्क का उल्लेख करते हुए कहा कि डिजिटल नेटवर्क की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

नयी दिल्ली। भारत पर 5जी का आर्थिक प्रभाव 1,000 अरब डॉलर से अधिक होगा। देश इस नई पीढ़ी की प्रौद्योगिकी के मामले में खुद को आक्रामक तरीके से तैयार कर रहा है। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को यह बात कही। मंत्री ने कहा कि भारत की ‘5जी की बस नहीं छूटेगी’। उन्होंने पिछले पांच साल में देश में डाटा उपभोग, ब्रॉडबैंड प्रयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी तथा निचले शुल्क का उल्लेख करते हुए कहा कि डिजिटल नेटवर्क की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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सिन्हा ने कहा कि हम डिजिटल बदलाव के अगली दौर की तैयारी कर रहे हैं। डिजिटल संचार की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण होगा कि हम सुरक्षा परीक्षण पर ध्यान दें और उचित सुरक्षा मानक स्थापित करें। हमने हाल में सुरक्षा विश्वास मानक की तैयारियों के सिलसिले में अत्याधुनिक सुविधा शुरू की है। सिन्हा ने दूरसंचार उपकरण एवं सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (टीईपीसी) द्वारा आयोजित इंडिया टेलीकॉम 2019 प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए कहा कि यह इकाई सुरक्षा जरूरतों पर काम करेगी। साथ ही यह देश में परीक्षण तथा प्रमाणन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में भी मदद करेगी।

मंत्री ने 5जी को पासा पलटने वाला करार देते हुए कहा कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रम मसलन डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटीज 5जी के जरिये आगे बढ़ेंगे। सिन्हा ने कहा कि 5जी का आर्थिक प्रभाव 1,000 अरब डॉलर का होगा और उसके बाद पड़ने वाला प्रभाव इससे कहीं अधिक होगा। उन्होंने निवेश प्रोत्साहन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि 5जी ढांचे को सफल बनाने के लिए जरूरी ढांचा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 5जी पर उच्चस्तरीय मंच की सिफारिशों के क्रियान्वयन के लिए एक कार्यसमूह बनाया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट अगस्त, 2018 में सौंपी थी। 

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सिन्हा ने यह भी कहा कि सरकार ऐसी नीतियों और नियमनों के पक्ष में है जिससे 5जी आधारित प्रौद्योगिकियों और सेवाओं का विकास हो सके। अपने संबोधन में दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि विकासशील और विकसित बाजारों के लिए कनेक्टिविटी की जरूरतें भिन्न हैं। सुंदरराजन ने कहा कि हमारे लिए चुनौतियां अलग हैं। हमें ऐसा दूरसंचार नेटवर्क चाहिए जो समावेशन, मूलभूत सेवाओं की आपूर्ति कर सके और ऐसे लोगों को जोड़ सके जो अभी इससे वंचित हैं। 

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