इस भारतीय अरबपति ने 2025 में बाजार में गिरावट के बीच सबसे ज़्यादा पैसा खोया, जानें पूरा मामला

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रितिका कमठान । Mar 12 2025 2:44PM

रवि जयपुरिया आरजे कॉर्प के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। ये कंपनी खाद्य एवं पेय पदार्थ, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है। उनकी कुल संपत्ति में लगभग 26% की गिरावट आई, जो 17.6 बिलियन डॉलर के शिखर से घटकर 13.1 बिलियन डॉलर रह गई, जिसका मुख्य कारण उनकी प्रमुख कंपनी वरुण बेवरेजेस का खराब प्रदर्शन था।

घरेलू और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण शेयर बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। इससे कई भारतीय उद्योगपतियों की किस्मत पर प्रभाव देखने को मिला है। कई उद्योगपतियों की संपत्ति में भारी गिरावट देखने को मिली है।

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के जिन उद्योगपतियों की संपत्ति में गिरावट आई है उसमें रवि जयपुरिया, के पी सिंह, मंगल प्रभात लोढ़ा, गौतम अडानी, शिव नादर और दिलीप सांघवी शामिल हैं। इस दौरान सबसे अधिक गिरावट उद्योगपति रवि जयपुरिया की संपत्ति आई है।

बता दें कि रवि जयपुरिया आरजे कॉर्प के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। ये कंपनी खाद्य एवं पेय पदार्थ, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है। उनकी कुल संपत्ति में लगभग 26% की गिरावट आई, जो 17.6 बिलियन डॉलर के शिखर से घटकर 13.1 बिलियन डॉलर रह गई, जिसका मुख्य कारण उनकी प्रमुख कंपनी वरुण बेवरेजेस का खराब प्रदर्शन था, जिसने 2025 तक अपने मूल्य का लगभग 25 प्रतिशत खो दिया है।

इस बीच, डीएलएफ के केपी सिंह और मैक्रोटेक डेवलपर्स के मंगल प्रभात लोढ़ा संपत्ति क्षरण के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे है। रिपोर्ट के अनुसार केपी सिंह की संपत्ति लगभग 25 प्रतिशत घटकर 13.6 अरब डॉलर और लोढ़ा की संपत्ति 21 प्रतिशत घटकर 9.8 अरब डॉलर रह गई।

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति 20% घटकर 63.4 बिलियन डॉलर रह गई, जबकि एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक शिव नादर की संपत्ति भी 20% घटकर 35.6 बिलियन डॉलर रह गई।

अन्य लोगों में सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के संस्थापक दिलीप सांघवी, डीमार्ट के राधाकिशन दमानी, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज के चेयरमैन पंकज पटेल, शापूर मिस्त्री एंड फैमिली और ओपी जिंदल ग्रुप की प्रमुख सावित्री जिंदल शामिल हैं, जो भारत की सबसे धनी महिला भी हैं।

यह सब ऐसे समय में हुआ है जब भारतीय शेयर बाजार में इस साल भारी गिरावट आई है, क्योंकि उच्च मूल्यांकन संबंधी चिंताओं, धीमी होती अर्थव्यवस्था, कमजोर होती आय वृद्धि के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार तनाव के कारण विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली की जा रही है।

परिणामस्वरूप, बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक में इस वर्ष अब तक लगभग 4.5 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप जैसे व्यापक सूचकांकों में क्रमशः 14 प्रतिशत और 17 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट आई है, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है।

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