भारतीय अर्थव्यवस्था 2021-22 में 8.7% की दर से बढ़ी, अनुमान से कम रहा राजकोषीय घाटा
वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत के संकुचन के मुकाबले 8.7 प्रतिशत था। इस बीच आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक अप्रैल 2022 में 143.2 रहा, जो अप्रैल 2021 के सूचकांक की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि है।
सरकार ने 2021-22 की मार्च तिमाही के साथ-साथ पूरे वित्त वर्ष के लिए ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी के आंकड़े मंगलवार को जारी किए। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का अनुमान पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत के संकुचन के मुकाबले 8.7 प्रतिशत था। इस बीच आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक अप्रैल 2022 में 143.2 रहा, जो अप्रैल 2021 के सूचकांक की तुलना में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि है।
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भारत ने चीन को पछाड़ा
वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 4.1 प्रतिशत थी, जो पिछले तीन महीने की अवधि में 5.4 प्रतिशत थी। एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की इसी जनवरी-मार्च अवधि में जीडीपी में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 8.9 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था। चीन ने 2022 के पहले तीन महीनों में 4.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज की।
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राजकोषीय घाटा
जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.71 प्रतिशत था, जो वित्त मंत्रालय द्वारा संशोधित बजट अनुमानों में अनुमानित 6.9 प्रतिशत से कम है। 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़ों का अनावरण करते हुए, लेखा महानियंत्रक (CGA) ने कहा कि पूर्ण रूप से राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रुपये (अनंतिम) था। 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 प्रतिशत था। पिछले वित्त वर्ष के लिए, सरकार ने फरवरी 2021 में पेश किए गए बजट में शुरू में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत आंका था। सरकार ने 2022-23 के बजट में संशोधित अनुमानों में सकल घरेलू उत्पाद के 6.9 प्रतिशत या मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए 15,91,089 करोड़ रुपये के उच्च राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है।
कोर सेक्टर का क्या हाल
मार्च 2022 में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली के आठ बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के उत्पादन में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। मुख्य क्षेत्र में मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव के कारण अप्रैल 2021 में 62.6 प्रतिशत की असाधारण रूप से उच्च विकास दर देखी गई थी।
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