Indian Oil का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में आधा होकर 4,838 करोड़ रुपये पर

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जनवरी-मार्च तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का शुद्ध लाभ आधे से भी कम होकर 4,837.69 करोड़ रुपये रह गया है। शेयर बाजार को दी सूचना में कंपनी ने कहा कि बीती तिमाही में तेल कीमतों में कटौती होने और पेट्रोकेमिकल खंड में घाटा होने से उसके लाभ में कमी आई है।

नयी दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ आधे से भी कम होकर 4,837.69 करोड़ रुपये रह गया। आईओसी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बीती तिमाही में तेल कीमतों में कटौती होने और पेट्रोकेमिकल खंड में घाटा होने से उसके लाभ में कमी आई है। इंडियन ऑयल ने कच्चे माल की लागत बढ़ने के बावजूद चुनावों के ऐन पहले पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें घटा दी थीं। एक साल पहले की समान तिमाही में इंडियन ऑयल ने 10,058.69 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। 

वहीं अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही में इसका शुद्ध लाभ 8,063.39 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी एवं अंतिम तिमाही में कंपनी का राजस्व घटकर 2.21 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 2.28 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। पेट्रोलियम कंपनी ने कहा कि घरेलू रसोई गैस की कीमतें न बढ़ाने से हुए 1,017 करोड़ रुपये के नुकसान के लिए भी कंपनी को सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिला। हालांकि, समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में देश की अग्रणी तेल कंपनी ने अपना अब तक का सबसे अधिक 39,618.84 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पिछला रिकॉर्ड 2021-22 में 24,184.10 करोड़ रुपये लाभ का था। 

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग दो साल तक कोई कटौती न होने से इसके लाभ में बढ़ोतरी हुई। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कच्चे तेल की कीमतों में आए उतार-चढ़ाव से भी आईओसी जैसी कंपनियों को बढ़िया मुनाफा कमाने में मदद मिली। जनवरी-मार्च तिमाही में आईओसी को पेट्रोकेमिकल कारोबार में लगभग 400 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि पेट्रोलियम उत्पाद की बिक्री से आय 38 प्रतिशत कम हो गई। कंपनी ने आलोच्य तिमाही में 2.37 करोड़ टन पेट्रोलियम उत्पाद बेचे, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 2.29 करोड़ टन और दिसंबर तिमाही में 2.33 करोड़ टन था। पूरे वित्त वर्ष में आईओसी की ईंधन बिक्री एक साल पहले के 9.06 करोड़ टन से बढ़कर 9.23 करोड़ टन हो गई। 

इस दौरान राजस्व 9.41 लाख करोड़ रुपये से घटकर 8.71 लाख करोड़ रुपये हो गया। आईओसी ने कहा कि उसने पिछले वित्त वर्ष में एक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 12.05 डॉलर कमाए, जो पिछले वित्त वर्ष के 19.52 डॉलर प्रति बैरल के सकल रिफाइनिंग मार्जिन से कम है। इंडियन ऑयल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सात रुपये प्रति इक्विटी शेयर का अंतिम लाभांश घोषित किया। यह वर्ष के दौरान भुगतान किए गए पांच रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश के अलावा है। कंपनी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा, आईओसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात सहित 9.75 करोड़ टन उत्पाद बेचे। इस दौरान हमारा रिफाइनिंग उत्पादन 7.33 करोड़ टन था और देशव्यापी पाइपलाइन नेटवर्क का प्रवाह 9.86 करोड़ टन था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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