Indian Oil का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 67 प्रतिशत बढ़कर 10,058 करोड़ रुपये पर

Indian Oil
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सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी आईओसी ने मंगलवार को जनवरी-मार्च 2023 अवधि के नतीजों की जानकारी शेयर बाजारों को देते हुए कहा कि इस दौरान एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ 10,058.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में शुद्ध लाभ 67 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी के साथ 10,058.69 करोड़ रुपये रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी आईओसी ने मंगलवार को जनवरी-मार्च 2023 अवधि के नतीजों की जानकारी शेयर बाजारों को देते हुए कहा कि इस दौरान एकल आधार पर उसका शुद्ध लाभ 10,058.69 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में उसका लाभ 6,021.88 करोड़ रुपये रहा था। तेल विपणन मार्जिन में सुधार और बेहतर रिफाइनिंग मार्जिन ने आईओसी का मुनाफा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में दमदार प्रदर्शन दिखाने से आईओसी के समूचे वित्त वर्ष के लिए अपना लाभ बेहतर करने में भी मदद मिली। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में लागत के अनुरूप डीजल, पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें नहीं होने से आईओसी को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। लेकिन दूसरी छमाही के बेहतर प्रदर्शन ने स्थिति सुधार दी। समूचे वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध लाभ 8,241.82 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 24,184 करोड़ रुपये रहा था। आईओसी ने बयान में लाभ में गिरावट की वजह बताते हुए कहा, ‘‘एक साल पहले की तुलना में विपणन एवं पेट्रोकेमिकल मार्जिन कम होने और विनिमय ह्रास बढ़ने की वजह से ऐसा हुआ है।’’

आईओसी के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की दो अन्य कंपनियों- एचपीसीएल और बीपीसीएल ने भी पेट्रोलियम उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाए हैं। हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध छि़ड़ने के बाद कच्चे तेल के दाम में आया उबाल शांत होने से इन कंपनियों को होने वाले परिचालन घाटे में गिरावट आई। पेट्रोल और डीजल के दाम छह अप्रैल, 2022 से ही अपरिवर्तित चल रहे हैं। हालांकि, एक साल पहले करीब 100 डॉलर पर रहा कच्चा तेल अब घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इससे पेट्रोलियम कंपनियों के रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार आया है।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने पिछले हफ्ते जारी अपने नतीजों में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 में उसे 6,980.23 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा। इस बीच आईओसी के निदेशक मंडल ने अपने शेयरधारकों को तीन रुपये प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देने की अनुशंसा की है। बीती तिमाही में कंपनी का राजस्व संग्रह 10 प्रतिशत बढ़कर 2.26 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि में आईओसी की विपणन बिक्री एक साल पहले की तुलना में पांच प्रतिशत बढ़कर 2.29 करोड़ टन हो गई। आईओसी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘इंडियन ऑयल ने वित्त वर्ष 2022-23 में निर्यात को जोड़कर कुल 9.57 करोड़ टन तेल की बिक्री की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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