प्राकृतिक गैस और अन्य ईंधन पर वैट में कटौती करें राज्यः जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्राकृतिक गैस जैसे ईंधन पर बिक्री कर या वैट में कटौती की मांग की है। इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्राकृतिक गैस जैसे ईंधन पर बिक्री कर या वैट में कटौती की मांग की है। इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है लेकिन उन वस्तुओं के लिये कच्चे माल के रूप में उपयोग होता है जो नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे में आते हैं। कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस तथा विमान ईंधन (एटीएफ) को एक जुलाई से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है। जीएसटी ने केंद्रीय उत्पाद, सेवा कर तथा वैट समेत एक दर्जन से अधिक केंद्रीय तथा राज्य के करों का स्थान लिया है।
यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘वित्त मंत्री के पत्र में देश में विनिर्माण क्षेत्र द्वारा कच्चे माल के रूप में पेट्रोलियम उत्पादों की लागत में वृद्धि के संदर्भ में जतायी गयी चिंता को रेखांकित किया गया है जिसका कारण जीएसटी व्यवस्था का लागू होना है।’’ प्राकृतिक गैस जैसे कच्चे माल का उपयोग बिजली उत्पादन के साथ उर्वरक, पेट्रोरसायन और ग्लास जैसे विभिन्न उत्पादों के विनिर्माण में किया जाता है। साथ ही कच्चे तेल का उपयोग पेट्रोल और डीजल के साथ केरोसीन, एलपीजी और औद्योगिक ईंधन जैसे नाफ्था, डामर आदि बनाने में किया जाता है।
दूसरे उद्योग इनपुट टैक्स क्रेडिट (कच्चे माल पर दिये गये कर की वापसी) का दावा कर सकते हैं लेकिन उक्त उद्योग ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि ये पेट्रोलियम उत्पाद तथा प्राकृतिक गैस जीएसटी के दायरे से बाहर है। यह उस उद्योग के लिये लागत को बढ़ाता है जो पांचों में किसी एक उत्पाद का कच्चे माल के रूप में उपयोग करते हैं।
जेटली ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में उनसे जीएएसटी के बाद उन पेट्रोलियम उत्पादों पर मूल्य वर्द्धन कर (वैट) का बोझ कम करने को कहा है जिनका उपयोग वस्तुओं के विनिर्माण में कच्चे माल के रूप में होता है। पत्र में कहा गया है, ‘‘जीएसटी के बाद विनिर्मित वस्तुओं पर जीएसटी लगता है जबकि विनिर्माण में कच्चे माल के रूप में उपयोग होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट लगता है। इसीलिए इससे कर पर कर लगेगा और उसका व्यापक प्रभाव होगा।’’ कुछ राज्यों ने वस्तुओं के विनिर्माण पर उपयोग होने वाले सीएनजी के मामले में वैट घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। कुछ ने डीजल पर वैट घटाया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘जेटली ने अन्य राज्यों से जीएसटी के दायरे में आने वाली वस्तुओं के विनिर्माण में उपयोग होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की संभावना तलाशने का अनुरोध किया है ताकि वस्तुओं की लागत पर कम प्रभाव पड़े।’’
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