बीते साल 64 प्रतिशत भारतीय कंपनियां रैनसमवेयर हमलों का शिकार बनीं :Report
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रैनसमवेयर दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर या मैलवेयर को दर्शाता है। ये कंप्यूटर, नेटवर्क शेयर, बैकअप और सर्वर पर फाइलों को कब्जे में ले लेता है और फिर हमलावर फाइलों को अनलॉक करने के लिए उपयोगकर्ताओं से धन की मांग करता है।
नयी दिल्ली। बीते साल यानी 2023 में लगभग 64 प्रतिशत भारतीय कंपनियां रैनसमवेयर हमलों से प्रभावित हुईं। एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है। सोफोस की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर इन हमलों में गिरावट आई है, लेकिन पीड़ितों पर इनका वास्तविक प्रभाव बढ़ गया है। हमलावरों ने इन कंपनियों से औसतन 48 लाख अमेरिकी डॉलर फिरौती के रूप में मांगे, जबकि 62 प्रतिशत मांगें 10 लाख डॉलर से अधिक थीं। वैश्विक साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाता की रिपोर्ट में कहा गया कि दी गई फिरौती औसतन 20 लाख अमेरिकी डॉलर थी।
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रैनसमवेयर दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर या मैलवेयर को दर्शाता है। ये कंप्यूटर, नेटवर्क शेयर, बैकअप और सर्वर पर फाइलों को कब्जे में ले लेता है और फिर हमलावर फाइलों को अनलॉक करने के लिए उपयोगकर्ताओं से धन की मांग करता है। सोफोस की ‘भारत में रैनसमवेयर की स्थिति 2024’ रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों के खिलाफ रैनसमवेयर हमलों की दर पिछले अध्ययन (2022) के 73 प्रतिशत से घटकर 2023 में 64 प्रतिशत रह गई। हालांकि, इस दौरान फिरौती की मांग और दी गई रकम में बढ़ोतरी हुई। सर्वेक्षण में भारत के 500 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया।
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