J&K में संपत्ति कर जनता से सलाह के बाद ही लगेगाः Lieutenant Governor

Lieutenant Governor
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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को एक अप्रैल से नगर क्षेत्रों में संपत्ति कर लगाने का आदेश दिया था जिसके बाद लगभग हर वर्ग के लोगों ने इसका कड़ा विरोध जताया। राजनीतिक दल इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लागू किए जाने पर व्याप्त आक्रोश के बीच उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने शनिवार को इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसे जनता से मशविरा करने के बाद ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर से शहरों की वित्तीय आत्मनिर्भरता सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार सुनिश्चित करेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को एक अप्रैल से नगर क्षेत्रों में संपत्ति कर लगाने का आदेश दिया था जिसके बाद लगभग हर वर्ग के लोगों ने इसका कड़ा विरोध जताया। राजनीतिक दल इस आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन द्वारा बार-बार आश्वासन देने के बावजूद जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने इस आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है। प्रशासन का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर देश में सबसे कम है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, कर की दरें कर पात्र आवासीय संपत्ति के वार्षिक मूल्य का पांच प्रतिशत जबकि वाणिज्यिक वस्तुओं का छह प्रतिशत रहेंगी। सिन्हा ने कहा, “संपत्ति कर को जनता से चर्चा करने के बाद लागू किया जाएगा। आम नागरिकों के हितों की रक्षा की जाएगी।”

उन्होंने कहा, “जनता का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और संपत्ति कर से केंद्र शासित प्रदेश में शहरों की वित्तीय आत्मनिर्भरता व सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार सुनिश्चित होगा।” उन्होंने कहा, “हमारे शहरों में तेज विकास करना होगा। इसके लिए शहर की वित्तीय आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है। जम्मू-कश्मीर देश में सबसे कम संपत्ति कर वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में से है और इसका उपयोग जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक सुविधाों को बेहतर करने में किया जाएगा।” कश्मीर घाटी के आयुक्त वी के बिधूड़ी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर की दरें अपेक्षाकृत कम हैं और यह कदम जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए उठाया जा रहा है।

उनका यह बयान घाटी में अप्रैल से संपत्ति कर लगाने के प्रस्ताव के बीच आया है। बिधूड़ी ने बताया कि संपत्ति कर लगाने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर सबसे पीछे है। उनके साथ श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) आयुक्त अतहर आमिर खान भी थे। बिधूड़ी ने कहा कि नगरीय स्थानीय निकायों के लिए संपत्ति कर ही आय का मुख्य स्रोत होता है। उन्होंने कहा, “कृषि भूमि को इसके दायरे में नहीं रखा गया है। 1,000 वर्गफुट तक का आवासीय घर भी इसके दायरे में नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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