खाद्य oil-oilseed कीमतों में मिला-जुला रुख

edible oil
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

मलेशिया एक्सचेंज में 0.34 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मामूली सुधार है। बाजार सूत्रों ने कहा कि कल साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने कहा था कि सीपीओ और पामोलीन का आयात बढ़ा है और इससे देशी तिलहनों की खपत प्रभावित होगी।

विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन और बिनौला तेल कीमतों में नुकसान दर्ज हुआ, जबकि सरसों तेल-तिलहन, कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम अपरिवर्तित रहे। मलेशिया एक्सचेंज में 0.34 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में मामूली सुधार है। बाजार सूत्रों ने कहा कि कल साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने कहा था कि सीपीओ और पामोलीन का आयात बढ़ा है और इससे देशी तिलहनों की खपत प्रभावित होगी।

एसईए ने सीपीओ और पामोलीन के बीच शुल्क अंतर को बढ़ाने की भी मांग करते हुए तिलहन का वायदा कारोबार खोले जाने की भी मांग की थी। सूत्रों ने कहा कि नरम तेल (सूरजमुखी और सोयाबीन) के दाम सीपीओ और पामोलीन जैसे ‘हेवी ऑयल’ (भारी तेल) से लगभग 36 रुपये किलो अधिक थे और मौजूदा समय में नरम तेलों के दाम ‘हेवी ऑयल’ से 7-8 रुपये किलो ही अधिक हैं। यानी दाम का अंतर कम होने के बाद नरम तेलों का भारी मात्रा में शुल्कमुक्त आयात हो रहा है।

दूसरी ओर फरवरी के महीने में कच्चे पामतेल (सीपीओ) का आयात लगभग 30 प्रतिशत घट गया है। अभी देश के तिलहन किसानों के सामने हल्के तेल मुसीबत बने हुए हैं जिसके दाम बेहद सस्ता होने के कारण सरसों, बिनौला जैसी फसलों का खपना मुश्किल हो रहा है। सीपीओ और पामोलीन अभी वास्तविक समस्या नहीं है, बल्कि सूरजमुखी, सोयाबीन जैसे देश में प्रचलित नरम तेलों का सस्ता होना असली समस्या है और इसको तत्काल नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि एसईए के तिलहन का वायदा कारोबार खोलने मांग भी अनुचित है। सूत्रों ने बताया कि लगभग दो वर्ष पूर्व इसी वायदा कारोबार में सोयाबीन बीज का भाव लगभग 10-11 हजार रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था और किसानों को महंगे में इसे खरीदना पड़ा था और जब उनकी फसल आई थी तो वायदा कारोबार में दाम 4,200-4,400 रुपये क्विंटल चल रहा थे।

उस वक्त तेल संगठन ‘सोपा’ और ‘पॉल्ट्री’ वालों की निरंतर शिकायतों के आने के बाद तिलहन के वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी। तेल संगठनों को तो मौजूदा ‘सॉफ्ट ऑयल’ के देशी तिलहन किसानों, देशी तेल मिलों पर होने वाले प्रभाव के बारे में बोलना चाहिये पर उनकी दिलचस्पी वायदा कारोबार खोलने में होना समझ से परे है। सूत्रों ने वायदा कारोबार को तेल-तिलहन उद्योग का ‘दीमक’ बताते हुए कहा कि लगभग पिछले 20 साल से इसकी वजह से देश का तेल-तिलहन उद्योग संभल नहीं पाया है।

सूत्रों ने कहा कि शुल्कमुक्त आयात किये गये सूरजमुखी तेल का बंदरगाह पर दाम 86-87 रुपये लीटर है और इसकी वजह से देशी बिनौले की बाजार में खपत नहीं हो रही। पशु आहार के लिए जरूरी खल की सबसे अधिक प्राप्ति हमें बिनौले से ही होती है। मुर्गीदाने के लिए ‘डीआयल्ड केक’ (डीओसी) का तो आयात किया भी जा सकता है पर खल आयात करने की भी सोचें तो काफी नगण्य मात्रा ही प्राप्त की जा सकती है। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि बाकी खल कहां से मिलेगा ?

शायद इसी वजह से आज लगातार तीसरे दिन वायदा कारोबार में बिनौला तेल खल के दाम में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बृहस्पतिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 5,225-5,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,755-6,815 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,570 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,535-2,800 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 10,900 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,740-1,770 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,700-1,830 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,180 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,080 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,540 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,650 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,240 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,150-5,300 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 4,910-4,960 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़