विदेशों में नरमी के बीच edible oil oilseeds कीमतों में मिला-जुला रुख

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मूंगफली एवं सोयाबीन तेल तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे। मलेशिया एक्सचेंज में 0.5 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल 1.5 प्रतिशत की गिरावट है।

विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को खाद्यतेल तिलहनों में कारोबार का रुख मिला-जुला रहा। सरकार की ओर से सरसों खरीद के प्रयासों के बीच एक ओर जहां सरसों तेल तिलहन के दाम में सुधार आया वहीं सस्ते आयातित खाद्यतेलों की बहुतायत और लिवाली कमजोर रहने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन और बिनौलातेल कीमतें नुकसान के साथ बंद हुई। मूंगफली एवं सोयाबीन तेल तिलहन के दाम अपरिवर्तित रहे। मलेशिया एक्सचेंज में 0.5 प्रतिशत की गिरावट थी जबकि शिकागो एक्सचेंज में फिलहाल 1.5 प्रतिशत की गिरावट है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयातित खाद्यतेलों की भरमार के बीच केंद्र सरकार के देश के सरसों किसानों की फसल खरीदने के लिए राज्य सरकारों को कहने की वजह से सरसों तेल तिलहन के दाम में मामूली सुधार आया लेकिन अभी भी सरसों अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 10 प्रतिशत नीचे ही है। सूत्रों ने कहा कि संभवत: यह खरीद सहकारी संस्था नाफेड द्वारा की जायेगी लेकिन इस कदम को उन्होंने अपर्याप्त बताया।

उनका कहना है कि नाफेड सारा का सारा सरसों का स्टॉक खरीद ले तो बात समझ में आती है लेकिन व्यावहारिक रूप में नाफेड द्वारा 18-20 लाख टन की खरीदे जाने की संभावना है तो बाकी सरसों कहां खपेगी ? हालांकि सरकार की यह पहल इस मायने में महत्वपूर्ण है कि देश को कुछ स्टॉक बनाकर रखना ही चाहिये कि मुश्किल के वक्त इनका उपयोग किया जा सके लेकिन बाकी देशी तेल तिलहनों का क्या होगा ?

इन देशी तेल तिलहनों के दाम भी सस्ते आयातित तेलों ने पस्त कर रखी है और वे बाजार में खप नहीं रही हैं। सरकार को जितनी शिद्दत से तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करना होगा उतनी ही शिद्दत से इन देशी तेल तिलहनों के बाजार को भी बनाने की ओर ध्यान देना होगा। सूत्रों ने कहा कि अकेले जनवरी, 2023 में सूरजमुखी तेल का शुल्कमुक्त आयात खपत जरुरत के मुकाबले कई गुना बढ़कर 4,62,000 टन हो गया जो खपत स्तर को देखते हुए करीब तीन माह की जरुरत के लिए पर्याप्त है।

इसी प्रकार सोयाबीन तेल का शुल्कमुक्त आयात जनवरी, 2023 में बढ़कर लगभग 3,60,000 टन का हो गया। फरवरी, 2023 में - सूरजमुखी तेल का 1,56,000 टन का शुल्कमुक्त आयात हुआ और इसी महीने सोयाबीन का शुल्कमुक्त आयात साढ़े तीन लाख टन हो गया है। ये दोनों साफ्ट आयल (नरम तेल) के पहले के स्टॉक ही नहीं खप रहे थे अब फरवरी का स्टॉक आ गया तो फिर ये कहां खपेंगे ?

इसके बाद महंगी लागत वाले सोयाबीन, सूरजमुखी, बिनौला जैसे देशी तेल तिलहन कहां खपेंगे ? साफ्ट आयल (नरम तेल) के दाम इतने कम हो चले हैं कि फरवरी, 2023 में कच्चा पामतेल (सीपीओ) का आयात 30 प्रतिशत घट गया। उन्होंने कहा कि नरम तेलों का शुल्कमुक्त आयात उस समय अधिक बढ़ा है जब देश में सरसों जैसे नरम तेल की बंपर पैदावार मंडी में आने के लिए तैयार थी। सूत्रों ने कहा कि शुल्कमुक्त आयात की छूट दी नहीं जानी चाहिये थी।

आयातित सूरजमुखी तेल का जो भाव बंदरगाह पर 87 रुपये लीटर है वहीं बाजार, मॉल में जाकर जांच करें तो आप पायेंगे कि सूरजमुखी तेल का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) कम से कम 160-170 रुपये लीटर है और ग्राहकों से इस तेल के ऊंचे दाम वसूले जा रहे हैं। सरकार ने सूरजमुखी तेल के शुल्कमुक्त आयात की छूट इसलिए दी थी कि ग्राहकों को यह तेल लगभग छह रुपये लीटर सस्ता मिले।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने सूरजमुखी का एमएसपी सब खाद्य तिलहन के मुकाबले सबसे अधिक बढ़ाकर 6,400 रुपये क्विन्टल कर दिया। सरसों का एमएसपी 5,450 रुपये क्विन्टल हो गया है। मौजूदा स्थिति को देखें तो एमएसपी बढ़ाने के बावजूद उत्पादन कैसे बढ़ेगा जब देशी तेल तिलहनों का बाजार ही नहीं बनेगा। सूरजमुखी में सरसों से कम तेल भी निकलता है। देश के सूरजमुखी बीज का दाम अधिक है और आयातित सूरजमुखी तेल का दाम 87 रुपये लीटर है। ऐसे में देश में सूरजमुखी का उत्पादन कैसे बढ़ेगा ? सरसों तेल का खुदरा भाव 115 रुपये लीटर बैठता है।

जबकि देश के सूरजमुखी तेल का दाम 135 रुपये लीटर बैठता है। सूत्रों ने कहा कि बिनौला जैसे देशी तेल के दाम टूटने से वायदा कारोबार में बिनौला तेल खली के भाव में आज लगभग पौने दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बिनौला से हमें सबसे अधिक खल की प्राप्ति होती है और जिसके सस्ता होने से दूध के दाम भी सस्ता हो सकते हैं। बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 5,225-5,275 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,765-6,825 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,580 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,540-2,805 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 10,900 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,740-1,770 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,700-1,830 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,100 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,650 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,480 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,2540 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,240 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,160-5,310 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 4,920-4,970 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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