खेतीबाड़ी के लिए कांग्रेस के 48 साल से कहीं बेहतर रहे मोदी सरकार के 48 महीने

Modi''s 48 months better than Cong''s 48-yrs rule for farm sector: Agriculture Minister Radha Mohan Singh
[email protected] । May 31 2018 8:45AM

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दावा किया कि खेतीबाड़ी के मोर्चे पर मौजूदा राजग सरकार की 48 महीने की उपलब्धियां, आजादी के बाद कांग्रेस के 48 साल के शासनकाल से कहीं बेहतर रही हैं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने दावा किया कि खेतीबाड़ी के मोर्चे पर मौजूदा राजग सरकार की 48 महीने की उपलब्धियां, आजादी के बाद कांग्रेस के 48 साल के शासनकाल से कहीं बेहतर रही हैं। खेतीबाड़ी क्षेत्र में मोदी सरकार के पहले चार साल की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कृषि मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने तथा लागत खर्च कम करने के लिए अनेक नयी योजनाएं शुरू की हैं। इस सारी कवायद का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है।

इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नीम लेपित यूरिया, मंडियों का आनलाइन कारोबार मंच ई-नाम से जोड़ने जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये पहलें किसानों के जीवन को बेहतर बना रही हैं। कृषि मंत्री ने विपक्ष की इस मामले में आलोचना की कि वह इन कार्यक्रमों से जमीनी स्तर पर आ रहे बदलाव की सराहने करने में विफल रहा है।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘48 साल से , एक ही परिवार का देश पर शासन था जिसने खेती के मोर्चे पर कोई बड़ा विकासात्मक काम नहीं किया। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जो पहल की थीं उन्हें भी संप्रग ने रोक दिया। हमने सिर्फ 48 महीने में ही कृषि क्षेत्र में बहूत अधिक उपलब्धियां हासिल की हैं।’ उन्होंने कहा कि 2018-19 के आम बजट में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक तय करने की घोषणा की। इसके साथ ही वह समर्थन मूल्य की किसानों तक पहुंच सुनिश्चित कने के लिए प्रणाली बना रही है।

मंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 14 राज्यों की 585 मंडियों को अब तक आनलाइन ट्रेडिंग मंच (ई - नाम) से जोड़ा गया है। इसी तरह 415 और मंडियों को 2020 तक इस मंच से जोड़ा जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उनके मंत्रालय को कुछ किसान संगठनों के अगले महीने प्रस्तावित प्रदर्शन के बारे में कोई ज्ञापन नहीं मिला है।

फसल वर्ष 2017- 18 में देश का खाद्यान्न उत्पाद 27 करोड़ 95 लाख टन के रिकार्ड स्तर तक पहुंच जाने का अनुमान है, लेकिन दाम में कमी को लेकर कुछ राज्यों में किसान परेशान हैं।

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