मदर डेयरी का खाद्य तेल उत्पादन, बिक्री लॉकडाउन के बाद 35-40 प्रतिशत घटा

Mother Dairy

लॉकडाउन, के पहले मदर डेयरी प्रतिदिन 650 टन खाद्य तेलों का उत्पादन करती थी और प्रतिदिन लगभग इतनी मात्रा में ही बिक्री भी होती थी। ई-मेल से पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा कि इस लॉकिंग अवधि के दौरान व्यापार में 35-40 प्रतिशत की गिरावट आई है।

नयी दिल्ली। धारा ब्रांड से खाद्य तेल की बिक्री करने वाली मदर डेयरीने सोमवार को कहा कि कोविड-19वायरस की रोकथाम के प्रयासों के तहत देशव्यापी लॉकडाऊन से उसके खाद्य तेलों के उत्पादन और बिक्री में 35-40 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, कामगारों की कमी और अन्य कई मुद्दों के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है, लेकिन ज्यादातर बिक्री होटल, रेस्तरां और कैफेटेरिया को बंद करने की वजह से मांग में आई कमी के कारण प्रभावित हुई है। लॉकडाउन, के पहले मदर डेयरी प्रतिदिन 650 टन खाद्य तेलों का उत्पादन करती थी और प्रतिदिन लगभग इतनी मात्रा में ही बिक्री भी होती थी। ई-मेल से पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में मदर डेयरी के प्रवक्ता ने कहा कि इस लॉकिंग अवधि के दौरान व्यापार में 35-40 प्रतिशत की गिरावट आई है।

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यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी ने लॉकडाउन के बाद खाद्यतेलों की कीमतों में वृद्धि की है, प्रवक्ता ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में अस्थिरता के कारण हमारे कारोबार में मूल्य संशोधन करना एक सामान्य गतिविधि है। पिछले हफ्ते, फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्यतेलों की बेचने वाली प्रमुख कंपनी, अडाणीविल्मर के ‘डिप्टी सीईओ’ अंग्शु मल्लिक ने पीटीआई-को बताया था कि कंपनी के उत्पादन और बिक्री में क्रमशः 40 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो कि लॉकडाउन के बाद हुआ है। देश में खाद्य तेलों की सालाना मांग 230 लाख टन की है, जिसका बड़ा हिस्सा आयात के जरिए पूरा किया जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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