इस्पात आयात को लेकर सतर्क रहने की जरूरत : TV Narendran

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बिगमिंट (पूर्व में स्टीलमिंट) के आंकड़ों के अनुसार, भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में 12.6 करोड़ टन से लगभग 14 प्रतिशत बढ़कर बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 14.4 करोड़ टन हो गया।

टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेन्द्रन ने कहा है कि चूंकि इस्पात आयात में वृद्धि जारी है तो इस स्थिति को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। भारत में इस्पात आयात बीते वित्त वर्ष में 38 प्रतिशत उछाल के साथ 83.19 लाख टन पर पहुंच गया है।

नरेन्द्रन ने पीटीआई-से बातचीत में कहा, “यदि यही स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो यह दुख की बात होगी। हमें आयात को लेकर सतर्क रहना होगा। जब तक यह अनुचित आयात है, सरकार को इससे निपटने की जरूरत है।”

मांग पर एक अलग प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इस्पात की खपत आठ से 10 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। इस्पात उत्पादक चीन सहित कुछ देशों से बढ़ते आयात पर चिंता जता रहे हैं और इस मुद्दे पर सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

घरेलू कंपनियां भी आयात पर अंकुश लगाने और कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की समीक्षा की मांग कर रही हैं। नरेन्द्रन ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि एफटीए की समीक्षा करना आसान होगा। लेकिन यह सरकार को तय करना है।”

बिगमिंट (पूर्व में स्टीलमिंट) के आंकड़ों के अनुसार, भारत का कच्चे इस्पात का उत्पादन वित्त वर्ष 2022-23 में 12.6 करोड़ टन से लगभग 14 प्रतिशत बढ़कर बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 14.4 करोड़ टन हो गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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