सरकार ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिये नई एमआरओ नीति की घोषणा की

Jyotiraditya Scindia
प्रतिरूप फोटो

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार नई एमआरओ नीति का उद्देश्य भारत को एमआरओ गतिविधियों का वैश्विक केंद्र बनाना है। इसमें खुली निविदाओं के जरिये भूमि को पट्टे पर देना और एएआई द्वारा ली जानी वाली रायल्टी को समाप्त करना शामिल है।

सरकार ने बृहस्पतिवार को रखरखाव, मरम्मत और पूर्ण जांच (एमआरओ) गतिविधियों के लिए एक नई नीति की घोषणा की। इस नीति का मकसद क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करना है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नीति की घोषणा करते हुये कहा कि इसका उद्देश्य भारत को एमआरओ गतिविधियों का वैश्विक केंद्र बनाना है। इसमें खुली निविदाओं के जरिये भूमि को पट्टे पर देना और एएआई द्वारा ली जानी वाली रायल्टी को समाप्त करना शामिल है।

इसे भी पढ़ें: पुणे में 14 साल की लडकी के साथ 13 लोगों द्वारा बलात्कार करने के मामले में दो लॉज प्रबंधक गिरफ्तार

एमआरओ सुविधायें स्थापित करने वाली कंपनियों को भूमि आवंटन 30 साल के लिये किया जायेगा। वर्तमान में यह तीन से पांच साल की अल्पावधि के लिये किया जाता है।

एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दिल्ली और कोलकाता सहित आठ हवाई अड्डों का चयन किया है। इस समय ऐसे ज्यादातर काम देश के बाहर किए जाते हैं। पिछले साल मार्च में जीएसटी परिषद ने एमआरओ सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया था।

इसे भी पढ़ें: बंगाल में कोविड-19 के 724 नए मामले, आठ मरीजों की मौत

इस मौके पर सिंधिया ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए 100 दिवसीय कार्य योजना की घोषणा की, जिसमें नीतिगत उपायों के साथ ही हवाई अड्डों के विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि योजना 16 क्षेत्रों पर केंद्रित होगी और इसे संयुक्त परामर्श के बाद तैयार किया गया है। इन 16 क्षेत्रों में से आठ नीति से संबंधित हैं और चार का संबंध सुधारों से है। क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छह हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे।

मंत्रालय ने कहा कि उड़ान के तहत 50 मार्गों का संचालन किया जाएगा और उनमें से 30 अक्टूबर तक चालू हो जाएंगे। वही बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों को लेकर मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर उद्घाटन के लिए तैयार है और यह बौद्ध सर्किट का हिस्सा होगा। हवाई अड्डे की लागत 255 करोड़ रुपये है।

इसके अलावा अन्य पहलों में देहरादून हवाई अड्डे पर 457 करोड़ रुपये की लागत से और अगरतला हवाई अड्डे पर 490 करोड़ रुपये की लागत से नए टर्मिनल भवन का निर्माण शामिल है।

सिंधिया ने इस दौरान उत्तर प्रदेश में बनने वाले जेवर हवाई अड्डे का जिक्र किया और बताया कि इस परियोजना की कुल लागत 29,560 करोड़ रुपये है। एयर वर्क्स समूह के मुख्य प्रबंधक और सीईओ डी आनंद भास्कर ने कहा कि यह उन कदमों का स्वागत करता है जो इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देंगे, विशेष रूप से दीर्घकालिक निवेश क्षितिज और रॉयल्टी को हटाना अहम है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़