खाद्य भंडार मुद्दे का जल्द स्थायी समाधान तलाशे WTO: निर्मला
![Nirmala Sitharaman urged WTO to find solution to food stocks Nirmala Sitharaman urged WTO to find solution to food stocks](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017072017264658.jpg)
निर्मला सीतारमण ने डब्ल्यूटीओ प्रमुख से सार्वजनिक खाद्य भंडार के मसले का स्थायी समाधान जल्द तलाशने के लिये सदस्य देशों के प्रयासों को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की अपील की है।
वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) प्रमुख से सार्वजनिक खाद्य भंडार के मसले का स्थायी समाधान जल्द तलाशने के लिये सदस्य देशों के प्रयासों को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की अपील की है। मंत्री ने यह मुद्दा डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रोबर्टो एजेवेदो के साथ जिनेवा में बैठक के दौरान उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दिसंबर में अर्जेन्टीना में होने वाली डब्ल्यूटीओ की 11वीं मंत्री स्तरीय बैठक (एमसी11) में इस प्रकार के नतीजे देखना चाहेगा।
डब्ल्यूटीओ का मंत्री स्तरीय सम्मेलन निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने विशेष रूप से जोर दिया कि एमसी11 के नतीजों में खाद्य सुरक्षा मकसद से सार्वजनिक भंडार मुद्दे का स्थायी समाधान शामिल होना चाहिए....।’’ निर्मला ने ऐजेवेदो से सार्वजनिक भंडार तथा कृषि विशेष सुरक्षा प्रणाली (एसएसएम) के मामले में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिये सदस्य देशों के प्रयासों को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की अपील की है।
मंत्री ने यह भी कहा कि ई-वाणिज्य और निवेश सुगमीकरण जैसे नये मुद्दों पर नतीजे तलाशने की कोशिश दोहा दौर के एजेंडे से संबद्ध लंबे समय से लंबित मुद्दों की लागत पर नहीं होनी चाहिए। विकसित देश निवेश, प्रतिस्पर्धा, श्रम, सरकारी खरीद, पर्यावरण और वैश्विक मूल्य श्रृंखला जैसे नये मुद्दों को आगे बढ़ा रहे हैं। खाद्यान भंडार के मुद्दे का स्थायी समाधान देश के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन के लिये महत्वपूर्ण है। वैश्विक व्यापार नियमों के तहत डब्ल्यूटीओ सदस्य देश की खाद्य सब्सिडी सीमा 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह सीमा 1986-88 की कीमतों को आधार बना कर रखी गयी है। ऐसी आशंका है कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के पूरी तरह से क्रियान्वयन से सब्सिडी सीमा पार कर सकती है। इसीलिए भारत खाद्य सब्सिडी सीमा के आकलन के लिये इस फार्मूले में संशोधन चाहता है। फिलहाल यह व्यवस्था है कि अगर सीमा बढ़ती है तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। यह उपबंध तब तक रहेगा जब तक सार्वजनिक खाद्यान भंडार मुद्दे का हल तलाश नहीं लिया जाता।
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