जीएम सरसों फसल को लेकर अभी तक नीतिगत निर्णय नहीं: केन्द्र
![No policy decision yet on GM mustard crop No policy decision yet on GM mustard crop](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071714283445.jpg)
केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने जीन संवर्धित (जीएम) सरसों फसल को वाणिज्यिक रूप से जारी करने के बारे में नीतिगत स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
केन्द्र सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने जीन संवर्धित (जीएम) सरसों फसल को वाणिज्यिक रूप से जारी करने के बारे में नीतिगत स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्य न्यायधीश जे.एस. खेहर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता के वक्तव्य पर विचार किया। केन्द्र का प्रतिनिधित्व कर रहे मेहता ने कहा कि सरकार मामले में विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है और जीएम फसलों को वाणिज्यिक तौर पर जारी करने के मामले में उसने विभिन्न पक्षों से सुझाव और उनकी आपत्तियां आमंत्रित कीं हैं।
पीठ ने सरकार को जीएम फसलों के बारे में ‘‘सुविचारित और नेकनीयती’’ के साथ लिये गये निर्णय से उसे अवगत कराने के लिये एक सप्ताह का समय दिया है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 17 अक्तूबर को जीएम सरसों फसल का वाणिज्यिक इस्तेमाल शुरू करने के मामले में दिये गये स्थगन को अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दिया था। शीर्ष अदालत ने केन्द्र से जीएम सरसों बीज को खेतों में उगाने के लिये जारी करने से पहले उसके बारे में सार्वजनिक रूप से लोगों के विचार जानने को कहा।
सरसों देश की सर्दियों में पैदा होने वाली एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है जो कि मध्य अक्तूबर और नवंबर में बोई जाती है। मामले में याचिकाकर्ता अरुणा रोड्रिग्स के लिये पेश होते हुये अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि सरकार बीज की विभिन्न क्षेत्रों में बुवाई कर रही है और इसके जैव-सुरक्षा संबंधी उपायों को वेबसाइट पर डालना चाहिये, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया। भूषण ने कहा कि इन बीजों का उचित परीक्षण किये बिना ही विभिन्न स्थानों पर इन बीजों का सीधे खेतों में परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने इस पर 10 साल की रोक लगाने की अपील की है। भूषण ने कहा कि इस संबंध में एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति (टीईसी) की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पूरी नियामकीय प्रणाली में गड़बड़ी है इसलिये मामले में दस साल की रोक लगाई जानी चाहिये। राड्रिग्स ने जीएम सरसों फसल के वाणिज्यिक तौर पर इस्तेमाल शुरू करने और इन बीजों का खुले खेतों में परीक्षण किये जाने पर रोक लगाने के लिये याचिका दायर की थी।
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