Oil oilseeds बाजार में गिरावट जारी

Oil
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल जैसे खाद्यतेलों के भाव में गिरावट आई जबकि मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्ववत बंद हुए।

दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को तेल तिलहन कीमतों में गिरावट जारी रही। सस्ता आयात बढ़ने से सरसों ही नहीं, बल्कि आयातित तेल की भी अब बाजार में खपत नहीं हो पाने से तेल तिलहनों में चौतरफा गिरावट देखी गई। सरसों, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल जैसे खाद्यतेलों के भाव में गिरावट आई जबकि मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्ववत बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में 0.75 - 0.75 प्रतिशत का मामूली सुधार है।

लेकिन विदेशों की घट-बढ़ का अब कोई खास असर नहीं हो रहा है। पहले से इतना अधिक सस्ता आयात हो रखा है कि अब आयातित तेलों की भी मांग प्रभावित हो रही है। पहले सूरजमुखी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर बिक रहा था लेकिन अब विभिन्न स्थानों पर सरसों भी एमएसपी से नीचे बिक रही है। तेल के लिए बाजार ही नहीं होने से ऐसा हो रहा है। हालांकि तेल कारोबार के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगले सात आठ दिन में बाजार में सुधार हो सकता है लेकिन वह इसके पीछे कोई ठोस तर्क नहीं दे रहे। आकस्मिक आपदा की स्थिति के अलावा, मौजूदा सस्ते तेलों की भरमार बनी रही तो कैसे सरसों की नयी फसल जैसा कोई अन्य तिलहन बाजार में खपेगा?

अनुमान के पीछे कौन से कारण हैं, इस बात का खुलासा नहीं किया गया है। इसके अलावा देशी तेल मिलों की बुरी हालत है क्योंकि उन्हें सरसों जैसे तिलहन की पेराई में नुकसान हो रहा है। पेराई के बाद भी ऐसी मिलें भाव पर लगभग 200 टन तेल बेच पाने की स्थिति में भी नहीं हैं जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी का लाखों टन का आयात हो रखा है। सूत्रों ने कहा कि सरसों का नया एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल एक अप्रैल से प्रभावी होगा। खुदरा बाजार के भाव का अंदाजा बाजार में जाकर ही पता किया जा सकता है।

खुदरा बाजार में पता चलता है कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की ओट में ग्राहकों से वसूली की जा रही है जिस पर रोक लगाने की जरूरत है। सूत्रों ने कहा कि विदेशी तेलों के शुल्क-मुक्त आयात के फैसले पर तत्काल पुनर्विचार करते हुए सरकार को ऐसी छूट रोककर देशी तेल तिलहनों के खपने की स्थिति बनाने की जरुरत है। यह मवेशी चारे और दूध के दाम को सस्ता करने के लिए आवश्यक है। सोमवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे: सरसों तिलहन - 5,380-5,430 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली - 6,775-6,835 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,550 रुपये प्रति क्विंटल। मूंगफली रिफाइंड तेल 2,540-2,805 रुपये प्रति टिन। सरसों तेल दादरी- 11,080 रुपये प्रति क्विंटल। सरसों पक्की घानी- 1,800-1,830 रुपये प्रति टिन। सरसों कच्ची घानी- 1,760-1,885 रुपये प्रति टिन। तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,700 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,450 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल। सीपीओ एक्स-कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल। बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल। पामोलिन एक्स- कांडला- 9,430 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल। सोयाबीन दाना - 5,380-5,510 रुपये प्रति क्विंटल। सोयाबीन लूज- 5,120-5,140 रुपये प्रति क्विंटल। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़