RBI के एक्शन के बाद संभल नहीं पा रहा Paytm, तीन महीने में हुआ इतना घाटा, Shares पर पड़ रहा असर

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रितिका कमठान । May 22 2024 12:57PM

पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा की पीपीबीएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि चौथी तिमाही में परिचालन आय 2.8 प्रतिशत घटकर 2,267.1 करोड़ रुपये हो गई।

ऑनलाइन सर्विस मुहैया करने वाली कंपनी पेटीएम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जब से पेटीएम के खिलाफ एक्शन लिया है, उसके बाद से ही कंपनी के शेयर लगातार नीचे गिरते जा रहे है। इसी बीच पेटीएम की फिनटेक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजों का भी ऐलान किया है।

कंपनी की मानें तो बीती तिमाही में कंपनी को बड़ा घाटा हुआ है। अब कंपनी का घाटा बढ़कर 550 करोड़ रुपये हो गया। जबकि पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का घाटा 167.5 करोड़ रुपये था। वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व है। वहीं खराब तिमाही के नतीजों का असर इसके शेयर पर भी दिख रहा है।

तिमाही जारी होने पर पेटीएम ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारे वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के परिणाम यूपीआई लेनदेन पर अस्थायी व्यवधान और पीपीबीएल प्रतिबंध के कारण स्थायी व्यवधान से प्रभावित हुए। पेटीएम ने 2,267 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर तीन प्रतिशत की मामूली गिरावट है। हमारा योगदान मुनाफा यूपीआई प्रोत्साहनों सहित 57 प्रतिशत और यूपीआई प्रोत्साहनों को छोड़कर 51 प्रतिशत रहा।’’ 

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 15 मार्च से व्यापारियों सहित ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। कंपनी ने बताया कि तिमाही में कंपनी ने पीपीबीएल में 39 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 227 करोड़ रुपये के निवेश को बट्टे खाते में डाल दिया। पेटीएम के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा की पीपीबीएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि चौथी तिमाही में परिचालन आय 2.8 प्रतिशत घटकर 2,267.1 करोड़ रुपये हो गई, पिछले साल समान अवधि में यह 2,464.6 करोड़ रुपये थी।

 

समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का घाटा कम होकर 1,422.4 करोड़ रुपये रह गया। यह वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा 1,776.5 करोड़ रुपये था। पेटीएम का वार्षिक राजस्व करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 9,978 करोड़ रुपये हो गया, यह 2022-23 में 7,990.3 करोड़ रुपये था। कंपनी को आशंका है कि चौथी तिमाही में व्यवधान का पूरा वित्तीय प्रभाव जून 2025 तिमाही में दिखाई देगा। बयान में कहा गया, ‘‘ हमें वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 1,500-1,600 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद है।’’ इस बीच, ऑफलाइन भुगतान के मुख्य व्यवसाय अधिकारी रिपुंजय गौड़ को कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधन कर्मी के रूप में नामित किया गया है।

 

कंपनी के शेयरों पर दिखा असर

गौरतलब है कि जब से कंपनी ने चौथे तिमाही के नतीजों को घोषित किया है, उसमें कंपनी को जबरदस्त घाटा हुआ है। कंपनी की वैल्यू में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। वहीं कंपनी के शेयर इस कारण बाजार में बुरी तरह से बिखर गए है। शेयर बाजार की इस दिन शुरुआत धीमी हुई है। इसी बीच पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयरों में दो फीसदी की गिरावट हुई है। बाजार खुलने पर पेटीएम का स्टॉक 355.60 रुपये के स्तर पर खुला था मगर ये 344.50 रुपये तक नीचे आ गया। कंपनी के शेयरों में हुई इस बड़ी गिरावट के कारण इसका मार्केट कैप महज 22040 करोड़ रुपये रह गया है। 

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