भारत में लोगों का दूसरे प्रदेशों में अवसरों के लिए विस्थापन दोगुना: डब्ल्यूईएफ

People in india double displacement for opportunities other state: WEF

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में अंतरराष्ट्रीय विस्थापितों की तुलना में आंतरिक विस्थापितयों की संख्या तीन गुना अधिक है।

नयी दिल्ली। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक रपट के अनुसार 2001 और 2011 के दौरान भारत में लोगों का अंतरराज्यीय विस्थापन तुलनात्मक रूप से दोगुना हो गया और इस दौरान इस प्रकार के विस्थापन से पुणे व सूरत एशियाई क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावित शहरों में रहे। इस रपट में कहा गया है कि दुनिया की 100 सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक चौथाई भारत में हैं जबकि दुनिया के दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले शहरही इलाकों में मुंबई, दिल्ली व कोलकाता शामिल हैं।

रपट के अनुसार एशियाई क्षेत्र में पुणे व सूरत सबसे अधिक प्रभावित शहरों में से हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में अंतरराष्ट्रीय विस्थापितों की तुलना में आंतरिक विस्थापितयों की संख्या तीन गुना अधिक है। इसके अनुसार भारत में अंतरराज्यीय विस्थापन 2001-2011 के दशक में दोगुना हो गया और इस दौरान इसमें 4.5 प्रतिशत सालाना की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारत में औसतन सालाना अंतरराज्यीय विस्थापन 50-60 लाख रहा यानी हर साल इतनी संख्या में लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में गए।मंच से जुड़ी एलिस चार्ल्स के अनुसार-आर्थिक, सामाजिक व रचनात्मक अवसरों की तलाश में लोग शहरों की ओर विस्थापित हो रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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