म्यूचुअल फंड योजनाओं का प्रदर्शन पिछले साल फीका रहा
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निवेशकों के फायदे के मामले में देश में शेयर केंद्रित ज्यादातर म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन दिसंबर 2016 को समाप्त एक वर्ष के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों की तुलना में कम रहा।
मुंबई। निवेशकों के फायदे के मामले में देश में शेयर केंद्रित ज्यादातर म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन दिसंबर 2016 को समाप्त एक वर्ष के दौरान प्रमुख शेयर सूचकांकों की तुलना में कम रहा। एक विश्लेषण रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह रपट एस एंड पी डाउ जोन्स की सूचकांक स्कोरबोर्ड (एसपीआईवीए) का हिस्सा है जिसमें भारतीय म्यूचुअल फंडों के प्रदर्शन की तुलना देश के प्रमुख शेयर सूचकांकों के प्रदर्शन से की जाती है। ताजा एसपीआईवीए इंडिया (एस एंड पी सूचकांक वनाम सक्रिय साझा कोष) स्कोरबोर्ड बताता है कि एक साल की अवधि में म्यूचुअल फंडों के बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले 66.29 प्रतिशत इक्विटी फंड, 64.29 प्रतिशत ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) तथा 71.11 प्रतिशत मझोले एवं लघु कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले कोष का प्रदर्शन संबंधित प्रमुख शेयर सूचकांकों के मुकाबले कमजोर रहा एशिया इंडेक्स एसोसिएट के निदेशक (ग्लोबल रिसर्च एंड डिजाइन) आकाश जैन ने एक बयान में कहा, ‘‘अध्ययन बताता है कि दिसंबर 2016 को समाप्त एक साल, तीन और पांच साल की अवधि में केवल भारतीय ईएलएसएस फंड अपने प्रदर्शन में 100 प्रतिशत स्थिरता को बनाये रखा।’’
जैन ने कहा, ‘‘दस साल से अधिक समय में बड़ी कंपनियों के केवल 30.63 प्रतिशत कोष तथा मझोले एवं लघु कंपनियों के 28.57 प्रतिशत शेयरों ने अपनी विशेषताओं को संरक्षित रखा। एसपीआईवीए स्कोरबोर्ड यह भी बताता है कि एक साल, तीन साल, पांच साल और 10 साल की अवधि में समग्र बांड कोष का बहुसंख्यक हिस्से का प्रदर्शन एस एंड पी बीएसई इंडिया बांड सूचकांक से कमतर रहा। इसके अलावा अधिकतर सरकारी बांड कोष का प्रदर्शन एस एंड पी बीएसई इंडिया गवर्नमेंट बांड सूचकांक से कमतर रहा। एशिया सूचकांक एस एंड पी डाउ जोन्स इंडिसेस और घरेलू शेयर बाजार बीएसई का गठजोड़ है।
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