April के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री बढ़ी, डीजल की मांग घटी

Petrol
प्रतिरूप फोटो
ANI

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के पहले पखवाड़े में देश में पेट्रोल की खपत सात प्रतिशत बढ़ गई जबकि डीजल की बिक्री में 9.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले पेट्रोल और डीजल बिक्री के संबंध में परस्पर विरोधी आंकड़े सामने आए हैं।

नयी दिल्ली । देश में पेट्रोल की खपत अप्रैल के पहले पखवाड़े में सात प्रतिशत बढ़ गई जबकि डीजल की बिक्री में 9.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। भीषण गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले पेट्रोल और डीजल बिक्री के संबंध में परस्पर विरोधी आंकड़े सामने आए हैं। तीनों सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों का ईंधन बाजार के 90 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है। 

आंकड़ों से पता चलता है कि एक से 15 अप्रैल के दौरान पेट्रोल की बिक्री बढ़कर 12.2 लाख टन हो गई, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 11.4 लाख टन थी। वहीं इस अवधि में डीजल की मांग 9.5 प्रतिशत घटकर 31.4 लाख टन रह गई। पेट्रोल की कीमतों में आंशिक कटौती की वजह से निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने के कारण बिक्री बढ़ गई। लेकिन फसल कटाई के मौसम के साथ गर्मी बढ़ने पर कारों में एयर कंडीशनिंग की मांग बढ़ने पर आगे चलकर डीजल की मांग बढ़ने का अनुमान है। 

पिछले महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी। इससे पहले दो साल तक ईंधन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ था। डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है, जो सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत का लगभग 40 प्रतिशत है। देश में कुल डीजल बिक्री में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है। यह हार्वेस्टर और ट्रैक्टर सहित कृषि क्षेत्रों में उपयोग किया जाने वाला प्रमुख ईंधन है। पेट्रोल की खपत में लगातार साल-दर-साल वृद्धि देखी जा रही है जबकि डीजल की खपत में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 

आलोच्य अवधि में विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 10.4 प्रतिशत बढ़कर 3,35,700 टन हो गई। पेट्रोल और डीजल की तरह, एटीएफ की मांग भी अब पूर्व-कोविड स्तर से अधिक हो चुकी है। अप्रैल के पहले पखवाड़े में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत बढ़कर 12 लाख टन हो गई। हालांकि, मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 11.6 प्रतिशत घटी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़