Air India की पायलट यूनियनों ने कहा, किसी सदस्य को हटाया, तो किसी भी हद तक जाएंगे

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एयर इंडिया ने 17 अप्रैल को अपने पायलटों और चालक दल के सदस्यों के लिए एक नई मुआवजा प्रणाली तैयार की है। इसे दो संघों- भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने खारिज कर दिया है।

टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयर इंडिया के पायलटों के दो संघों ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर उनके किसी सदस्य को हटाया जाता है तो वे ‘किसी भी हद’ तक जा सकते हैं। संघों ने यह चेतावनी कंपनी प्रबंधन के वेतन संरचना एवं नौकरी की शर्तों को संशोधित करने के ‘एकतरफा’ फैसले के बाद जारी की है। एयर इंडिया ने 17 अप्रैल को अपने पायलटों और चालक दल के सदस्यों के लिए एक नई मुआवजा प्रणाली तैयार की है। इसे दो संघों- भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने खारिज कर दिया है।

आईसीपीए-आईपीजी के संयुक्त संकल्प के अनुसार, “यदि हमारे संघ के किसी भी सदस्य/सदस्यों को संशोधित नियमों और शर्तों पर हस्ताक्षर नहीं करने के कारण प्रबंधन द्वारा हटाया जाता है, तो आईसीपीए और आईपीजी ने सदस्य/सदस्यों की बहाली होने तक उनकी रक्षा करने के लिए एकजुट होकर किसी भी हद तक जाने का संकल्प लिया है।” इस संबंध में एयर इंडिया से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। एयर इंडिया की ओर से संशोधित वेतन संरचना और सेवा शर्तों को प्रसारित करने के तुरंत बाद दोनों संघों ने अपने सदस्यों से दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर नहीं करने का आग्रह किया।

संघों का कहना है कि नियम और शर्तें उन पर थोपी जा रही हैं। इसके अलावा, दोनों संघों ने प्रबंधन कैडर में चार साल से अधिक के अनुभव वाले वरिष्ठ पायलटों को पदोन्नति देने के कंपनी प्रबंधन के कदम को संघों को खत्म करने के उद्देश्य के रूप में भी करार दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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