Piyush Goyal 31,300 करोड़ रुपये की निवेश योजनाएं Andhra Pradesh में शुरू की, औद्योगिक विकास पर दिया जोर

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रितिका कमठान । Jun 17 2025 5:37PM

समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के तीन प्रमुख नोड्स के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जिन पर मुख्य रूप से चर्चा हुई है उसमें चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत कृष्णापट्टनम औद्योगिक क्षेत्र, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत ओर्वाकल औद्योगिक क्षेत्र, और विशाखापट्टनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत कोप्पर्थी औद्योगिक क्षेत्र शामिल है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) के औद्योगिक नोड्स की प्रगति का आकलन करने के लिए गुंटूर में सप्ताहांत में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की है। ये जानाकरी एक आधिकारिक बयान दी गई है। 

बयान के अनुसार, समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के तीन प्रमुख नोड्स के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। जिन पर मुख्य रूप से चर्चा हुई है उसमें चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत कृष्णापट्टनम औद्योगिक क्षेत्र, हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत ओर्वाकल औद्योगिक क्षेत्र, और विशाखापट्टनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत कोप्पर्थी औद्योगिक क्षेत्र शामिल है।

गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक औद्योगिक नोड के भीतर नवाचार-अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके एंकर निवेशकों और स्टार्टअप को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने शुरुआती चरण के उद्यमों को पोषित करने और एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा के लिए समर्पित इनक्यूबेटर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक नोड में एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए जोन निर्धारित करें, उन्हें रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराएं तथा उन्हें अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएं।

वैश्विक भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए गोयल ने लक्षित विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए देश-विशिष्ट निवेश सम्मेलनों के आयोजन की वकालत की। उन्होंने परियोजना प्रगति की वास्तविक समय निगरानी को सक्षम करने के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड बनाने का आह्वान किया और विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा सुनिश्चित करने के लिए उन्नत परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण तंत्र अपनाने का आग्रह किया।

आंध्र प्रदेश को औद्योगिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रतीक में बदलने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, मंत्री ने कहा कि राज्य "स्वर्णआंध्र प्रदेश" बनने के लिए तैयार है - जो समावेशी और टिकाऊ औद्योगिक विकास का प्रतीक होगा। समीक्षा सत्र की शुरुआत एपीआईआईसी के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक द्वारा सभी तीन एनआईसीडीसी नोड्स पर विस्तृत प्रस्तुतियों के साथ हुई, जिसके बाद राज्य के उद्योग सचिव द्वारा महत्वाकांक्षी “स्वर्ण आंध्र 2047” ढांचे के तहत आंध्र प्रदेश के औद्योगिक रोडमैप का अवलोकन प्रस्तुत किया गया।

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