पावर ग्रिड ने कुरूक्षेत्र एचवीडीसी के 1500 मेगावाट के दूसरे पोल को चालू किया

PowerGrid commissions 1500 MW 2nd pole of Kurukshetra HVDC

सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड कारपोरेशन ने चंपा-कुरूक्षेत्र हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) के 1500 मेगावाट क्षमता के दूसरे पोल का वाणिज्यिक परचालन शुरू कर दिया है। इससे देश के उत्तरी भाग में बिजली की आपूर्ति सुधरेगी।

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की पावर ग्रिड कारपोरेशन ने चंपा-कुरूक्षेत्र हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) के 1500 मेगावाट क्षमता के दूसरे पोल का वाणिज्यिक परचालन शुरू कर दिया है। इससे देश के उत्तरी भाग में बिजली की आपूर्ति सुधरेगी। पावर ग्रिड कारपोरेशन ने बंबई शेयर बाजार को आज दी सूचना में यह जानकारी दी। कंपनी के अनुसार 800 केवी क्षमता की एचवीडीसी चंपा-कुरूक्षेत्र पारेषण प्रणाली पोल-दो का वाणिज्यिक रूप से परिचालन शुरू हो गया है।

एचवीडीसी बिजली पारेषण लिंक के दूसरे खंबे (पोल) के परिचालन से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों को लाभ होगा। यह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों को जोड़ेगा। इससे वे देश के उत्तरी भाग में बिजली आपूर्ति कर पाएंगे। एचवीडीसी लिंक का 1500 मेगावाट के पहले पोल का वाणिज्यिक परिचालन इस साल मार्च में शुरू हो चुका है। अब दूसरे पोल के वाणिज्यिक रूप से परिचालन शुरू होने से लिंक की क्षमता बढ़कर 3000 मेगावाट हो जाएगी।

तीन हजार मेगावाट क्षमता की उपलब्धता से छत्तीसगढ़ से बिजली लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान तथा समीप के क्षेत्रों को पहुंचायी जा सकेगी। चंपा में एचवीडीसी टर्मिनल के पहले पोल के साथ 2576 सर्किट किलोमीटर चंपा-कुरूक्षेत्र एचवीडीसी ट्रांसमिशन लाइन निर्माण 6,300 करोड़ रुपये की लागत आयी है। पारेषण प्रणाली को उन्नत कर 6,000 मेगावाट किया जा रहा है। इस पर 5,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत आएगी। 6,000 मेगावाट क्षमता की पूरी परियोजना दिसंबर 2018 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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