प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति नियमन के जरिए वृद्धि को बढ़ावा देगी: प्रभु

prabhu said Proposed e-commerce policy will boost growth through regulation
[email protected] । Apr 27 2018 2:48PM

वाणिज्य मंत्रालय एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति तेजी से उभरती हुए इस क्षेत्र को नियंत्रित करने और उसकी वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगी।

नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति तेजी से उभरती हुए इस क्षेत्र को नियंत्रित करने और उसकी वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगी। साथ ही यह नीति ई -कॉमर्स कंपनियों के साथ कारोबार करने वाली इकाइयों के हितों की रक्षा भी करेगी। इस हफ्ते की शुरूआत में मंत्रालय ने ई-कॉमर्स नीति की रूपरेखा पर हितधारकों के साथ सलाह- मशवरा किया। ई-कॉमर्स पर प्रभु की अध्यक्षता वाले एक समूह ने नीति पर काम करने के लिए कार्यदल स्थापित करने का फैसला किया है। यह दल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण , सर्वरों का स्थानीयकरण , कराधान, डेटा प्राइवेसी, नियंत्रण, प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों से निपटने के लिए छह महीने में नियमों की रूपरेखा तैयार करेगा। 

प्रभु ने इंटरनेशनल फिस्कल एसोसिएशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराधान सम्मेलन में यहां कहा, "हम ई-कॉमर्स क्षेत्र की तेजी को बाधित करने के लिए इसे विनियमित करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं बल्कि इसकी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के मामलों में कर देयता का आकलन करना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ई-कॉमर्स कारोबार का उदाहरण देते हुए कहा कि ऑनलाइन सौदा एक जगह शुरू होता है और सम्पन्न् दूसरी जगह होता है।ऐेसे मामलों में "आप कर कैसे लगाएं?’ यह देशों के लिए चुनौतीपूर्ण समय होगा ... आप किसी ऐसे व्यक्ति या इकाई पर कैसे कर लगा सकते हैं जो कि जरूरी नहीं कि आपके संप्रभु अधिकार क्षेत्र में आता हो।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन की जरुरत हो सकती है जो इसके लिए नियम निर्धारित करे। 

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