निजी चैट, व्हाट्सऐप, डार्क वेब पर सेबी की निगाह

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बाजार को चढ़ाने उतारने में लगे ऐसे व्यक्ति और समूह इंटरनेट पर ऐसी साइटों का इस्तेमाल करते हैं जिनको गूगल जैसे सामान्यत: इस्तेमाल किये जाने वाले सर्चइंजनों के जरिये मुश्किल से पकड़ा जा सकता है।

नयी दिल्ली। सेबी ने अपनी व्हिसलब्लोअर (भेदिया सूचना) व्यवस्था को मजबूत करने और निवेशकों तथा बाजार की बिचौलिया इकाइयों में काम करने वाले लोगों को ऐसे लोगों का भेद बताने को प्रोत्साहित करने का कदम उठाया है जो व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ऑनलाइन एप और प्राइवेट चैट ग्रुप्स आदि के जरिये निवेश के परामर्श और संवेदीनशील सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं।

बाजार को चढ़ाने उतारने में लगे ऐसे व्यक्ति और समूह इंटरनेट पर ऐसी साइटों का इस्तेमाल करते हैं जिनको गूगल जैसे सामान्यत: इस्तेमाल किये जाने वाले सर्चइंजनों के जरिये मुश्किल से पकड़ा जा सकता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसएमएस, व्हाट्सऐप, ट्विटर और फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्क, खेल तथा प्रतिस्पर्धा आदि के जरिये निवेश की अनाधिकृत रूप से सलाह देने पर रोक के लिए एक परिचर्चा पत्र पिछले साल जारी किया था। लेकिन अभी उसने इस बारे में कोई पक्का नियम लागू नहीं किया है।

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