प्रौद्योगिकी का सुरक्षा, विश्वास के नजरिये से नियमन जरूरीः चंद्रशेखर

Rajeev Chandrasekhar
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) हाल के समय की सबसे बड़ी खोज में से एक है और सरकार डिजिटल मंचों पर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 85 करोड़ भारतीय पहले से ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा और विश्वास के नजरिये से इंटरनेट और प्रौद्योगिकी का सावधानीपूर्वक नियमन नहीं होने पर यह उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि नवाचार का अत्यधिक नियमन न करते हुए सुरक्षा ढांचे को सावधानीपूर्वक विकसित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने यहां आयोजित डेट विद टेक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) हाल के समय की सबसे बड़ी खोज में से एक है और सरकार डिजिटल मंचों पर उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लगभग 85 करोड़ भारतीय पहले से ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और वित्त वर्ष 2025-26 तक इनकी संख्या बढ़कर 1.2 अरब हो जाने का अनुमान है।

चंद्रशेखर ने अपने वीडियो संदेश में डीपफेक के मुद्दे पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, हाल की घटनाओं ने दिखाया है कि सावधानीपूर्वक नियमन और सुरक्षा एवं विश्वास का ध्यान न रखे जाने पर इंटरनेट और व्यापक प्रौद्योगिकी परिवेश भी नुकसानदेह और आपराधिक हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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