FMCG क्षेत्र में स्थापित ब्रांड को चुनौती देने की तैयारी में रिलायंस

Reliance
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Common

रिलायंस की योजना 110 अरब डॉलर आकार वाले एफएमसीजी खंड में एक अहम स्थान पाने की है और अभी तक इस क्षेत्र पर हिंदुस्तान यूनिलीवर, पीएंडजी, रेकिट और नेस्ले जैसी कंपनियां का दबदबा है।

नयी दिल्ली। गुजरे दौर के शीतल पेय ब्रांड कैम्पा को दोबारा बाजार में पेश करने वाली रिलायंस ने अब व्यक्तिगत एवं घरेलू उपभोग खंड में भी कदम रखकर और 30-35 प्रतिशत कम दाम में उत्पादों को उतारकर स्थापित एफएमसीजी कंपनियों के लिए चुनौती पेश कर दी है। रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पाद (एफएमसीजी) क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि स्थापित कंपनियों के उत्पादों की तुलना में कम दाम पर रिलायंस के उत्पादों के उपलब्ध होने से ग्राहक उन्हें आजमाने के लिए प्रेरित होंगे और फिर वे उनकी गुणवत्ता एवं प्रदर्शन को देखते हुए दोबारा इस्तेमाल करने के बारे में कोई फैसला करेंगे। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली एफएमसीजी अनुषंगी आरसीपीएल के उत्पाद अभी सिर्फ चुनिंदा बाजारों में ही उपलब्ध हैं लेकिन कंपनी इनके लिए अखिल भारतीय स्तर पर डीलरशिप नेटवर्क खड़ा करने में लगी हुई है।

ऐसा होते ही उनके उत्पादों की उपलब्धता आधुनिक एवं सामान्य कारोबारी माध्यमों पर हो जाएगी। उद्योग के एक जानकार सूत्र ने कहा, ‘‘वे एक समर्पित वितरण नेटवर्क खड़ा कर रहे हैं जिसमें परंपरागत डीलर एवं स्टॉकिस्ट के साथ आधुनिक बी2बी चैनल भी शामिल होंगे।’’ रिलायंस की योजना 110 अरब डॉलर आकार वाले एफएमसीजी खंड में एक अहम स्थान पाने की है और अभी तक इस क्षेत्र पर हिंदुस्तान यूनिलीवर, पीएंडजी, रेकिट और नेस्ले जैसी कंपनियां का दबदबा है। रिलायंस ने हाल ही में नहाने के साबुन, डिटर्जेंट पाउडर और बर्तन धोने वाले साबुन के कई उत्पाद बाजार में उतारे हैं। इनकी कीमत स्थापित कंपनियों के उत्पादों की तुलना में 30-35 प्रतिशत तक कम हैं। इसके पहले रिलायंस ने कैम्पा को भी नए सिरे से बाजार में पेश कर पेप्सी एवं कोक जैसे ब्रांड को टक्कर देने की कोशिश की है।

इसे भी पढ़ें: Jio ने 5G नेटवर्क के लिए देश भर में एक लाख टावर लगाए

टेक्नोपार्क एडवाइजर्स के चेयरमैन अरविंद सिंघल ने कहा कि रिलायंस ने पहले दूरसंचार क्षेत्र में कम कीमत पर सेवाएं देकर बड़ा उलटफेर किया था और अब वह एफएमसीजी खंड में वही काम करना चाहती है। लेकिन उसके उत्पादों की गुणवत्ता थोड़ी भी कम हुई तो वह कामयाब नहीं हो पाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस ने एफएमसीजी खंड में उतरने के पहले जमीनी तैयारियां काफी अच्छी तरह की हैं और वह निजी उपभोग पर ज्यादा जोर दे रही है। अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक महासंघ के अध्यक्ष धैर्यशील पाटिल ने कहा कि आरसीपीएल के उत्पाद अभी बाजार में नहीं पहुंचे हैं और मीडिया में प्रचार एवं विज्ञापन अभियान के साथ इन्हें नहीं उतारा जाता है तो लोगों का इन पर ध्यान भी नहीं जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़