रिजर्व बैंक की पर्यवेक्षकों के प्रशिक्षण के लिए कॉलेज स्थापना की योजना: शक्तिकांत दास
हाल में यह बात सामने आयी है कि केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में लम्बे समय से चल रहे घोटाले को पकड़ पाने में असफल रहे थे। उसके बाद केंद्रीय बैंक यह कदम उठाने जा रहा है।
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों की निगरानी के काम में अपने अधिकारियों को अधिक कुशल और प्रशिक्षित बनाने के लिए एक पर्यवेक्षण महाविद्यालय की स्थापना करने जा रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सप्ताहांत पर एक कार्यक्रम में यह बात कही।
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हाल में यह बात सामने आयी है कि केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में लम्बे समय से चल रहे घोटाले को पकड़ पाने में असफल रहे थे। उसके बाद केंद्रीय बैंक यह कदम उठाने जा रहा है। पीएमसी बैंक तीन साल तक अपने लेखा-जोखा तैयार करने में कथित रूप से फर्जी काम करता रहा और केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षक वार्षिक निरीक्षण में उसे पकड़ने में विफल रहे। दास ने यह बात सप्ताहांत पर अहमदाबाद विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में इस पहल की जानकारी दी। विश्वविद्यालय ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 50 साल पूरे होने पर यह कार्यक्रम आयोजित किया था।
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विश्वविद्यालय ने दास के हवाले से एक बयान में कहा कि यह अपरिहार्य है कि पर्यवेक्षण अधिकारियों के कौशल और स्तर को नियमित आधार पर बढ़ाना चाहिए। हम इस संबंध में बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हम पर्यवेक्षकों के लिए एक कॉलेज स्थापित करने जा रहे हैं ताकि उनके पर्यवेक्षण और नियमन कौशल को और निखार दिया जा सके। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही इस साल एक नवंबर से एकीकृत पर्यवेक्षण विभाग और एकीकृत नियमन विभाग गठित कर चुका है। यह केंद्रीय बैंक को वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ज्यादा बेहतर तरीके से निगरानी करने में सक्षम बनाएगा।
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