SEBI ने मर्चेंट बैंकर से संबंधित नियमों में किया बदलाव

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बाजार नियामक सेबी ने तीन दिसंबर को जारी एक अधिसूचना में मर्चेंट बैंकर को एक ही कंपनी के अंतर्गत अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की गतिविधियां चलाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दे दी है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मर्चेंट बैंकर के लिए पूंजी पर्याप्तता ढांचा लागू करते हुए नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत नकदी वाली शुद्ध संपत्ति की जरूरत होगी और स्वीकृत गतिविधियों से न्यूनतम राजस्व को अनिवार्य किया जाएगा। नए नियमों का उद्देश्य वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना, जोखिम प्रबंधन में सुधार करना तथा व्यापार को आसान बनाना है।

बाजार नियामक सेबी ने तीन दिसंबर को जारी एक अधिसूचना में मर्चेंट बैंकर को एक ही कंपनी के अंतर्गत अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की गतिविधियां चलाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दे दी है।

सेबी की अधिसूचना के मुताबिक, एक मर्चेंट बैंकर ऐसी गतिविधियां कर सकता है जो किसी अन्य वित्तीय क्षेत्र नियामक (एफएसआर) के दायरे में आती हैं। साथ ही सेबी या किसी अन्य वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) के दायरे में नहीं आने वाली गतिविधियां शुल्क आधारित, गैर-निधि आधारित होनी चाहिए और वित्तीय सेवा क्षेत्र से संबंधित होनी चाहिए। यह निर्णय सेबी के निदेशक मंडल की दिसंबर, 2024 में हुई बैठक में गैर-विनियमित गतिविधियों को एक अलग कानूनी इकाई में स्थानांतरित करने की मंजूरी देने के बाद आया है।

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