सेंसेक्स 1,028 अंक उछला, पर 2019-20 में 23.80 प्रतिशत टूटा, मार्च में रिकार्डतोड़ गिरावट

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तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,028.17 अंक यानी 3.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,468.49 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 316.65 अंक यानी 3.82 प्रतिशत मजबूत होकर 8,597.75 अंक पर बंद हुआ। इसके असर से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सेंसेक्स कुल मिला कर 9,204.42 अंक यानी 23.80 प्रतिशत लुढ़का।

मुंबई। शेयर बाजारों में वित्त वर्ष 2019-20 के अंतिम दिन मंगलवार को जोरदार तेजी आयी और सेंसेक्स 1,028 अंक से अधिक मजबूत हुआ। हालांकि अगर पूरे वित्त वर्ष को देखा जाए तो इसमें अच्छी-खासी गिरावट आयी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च महीने में ही इसमें रिकार्ड गिरावट दर्ज की गयी। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,028.17 अंक यानी 3.62 प्रतिशत की तेजी के साथ 29,468.49 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 316.65 अंक यानी 3.82 प्रतिशत मजबूत होकर 8,597.75 अंक पर बंद हुआ। मार्चमाह में कोराना वायर के संक्रमण के चलते भारत और अन्य देशों में सार्वजनिक पाबंदियों से कारोबार पर प्रभाव तथा वैश्वक मंदी के दस्तक देने के बीच बाजारों में अभूतपूर्व गिरावट दिखी। इसके असर से वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सेंसेक्स कुल मिला कर 9,204.42 अंक यानी 23.80 प्रतिशत लुढ़का जबकि एनएसई निफ्टी 3,026.15 अंक यानी 26.03 प्रतिशत नीचे आया। कोरोना वायरस संकट के बीच वैश्विक बाजारों के अनुरूप दोनों सूचकांकों में मार्च महीने में एक दिन में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी।

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निवेशक संकट के दौरान जोखिमपूर्ण संपत्ति से बाहर निकलकर सुरक्षित उत्पादों में निवेश को तरजीह दे रहे हैं। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक लाभ में आईटीसी रही। कंपनी का शेयर 7.84 प्रतिशत मजबूत हुआ। उसके बाद क्रमश: रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, सन फार्मा और एसबीआई का स्थान रहा। सूचकांक में शामिल केवल चार कंपनियों के शेयर नीचे आये। ये हैं... इंडसइंड बैंक (14.68 प्रतिशत), मारुति (1.23 प्रतिशत), बजाज फाइनेंस (1.17 प्रतिशत) और टाइटन (1.13 प्रतिशत)। कारोबारियों के अनुसार दुनिया के अन्य बाजारों में तेजी के साथ निवेशकों की धारणा घरेलू बाजार को लेकर सकारात्मक रही। एशिया के ज्यादातर प्रमुख बाजरों में तेजी रही। चीन में मार्च के दौरान विनिर्माण में सुधार से सकारात्मक असर पड़ा है। चीन प्रशासन ने कोरोना महामारी से निपटने के लिये लगाये गये नियंत्रणें में ढील दी है और कारखानों को खोलने की इजाजत दी है। चीन का विनिर्माण पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स) मार्च में 52 पहुंच गया जो फरवरी में 35.7 के रिकार्ड निम्न स्तर पर था।

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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में तेजी के साथ वित्त वर्ष के अंतिम दिन घरेलू बाजारों में भी मजबूती रही। लगभग संभी खंडवार सूचकांक बढ़त में रहे...।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन के बेहतर आर्थिक आंकड़े से वैश्विक बाजारों में गति आयी। खासकर धातु, औषधि और दैनिक उपयोग का समान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में यह तेजी देखी गयी। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पिछले दो दिनों से जारी बिकवाली भी कम कम हुई है। हालांकि यह कोई जरूरी नहीं है कि यह टिकाऊ हो। निकट भविष्य में वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन मुख्य रूप से भारतीय बाजार को दिशा देगा।’’ बीएसई ऑयल, ऊर्जा, धातु, स्वास्थ्य समेत सभी खंडवार सूचकांकों में तेजी रही। चीन में शंघाई, हांगकांग, दक्षिण कोरिया के सोल के बाजारों में 2 प्रतिशत तक की तेजी आयी। जबकि जापान का तोक्यो बाजार नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में तेजी देखी गयी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 3.60 प्रतिशत मजबूत होकर 27.37 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 1,200 को पार कर गयी है। इसमें 100 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। वहीं दुनिया भर में इस महामारी से अबतक 37,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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